कांग्रेस ने जोशीमठ भू धसाव पर बनाई हाई पावर कमेटी

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उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी ने जोशीमठ भू धसाव मामले में हाई पावर कमेटी का गठन किया है। कमेटी में उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, उपनेता प्रतिपक्ष भूवन कापडी, स्थानीय विधायक राजेन्द्र भण्डारी, द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, अनुकृति गुसाईं शामिल रहेगें। कमेटी के सदस्य पूरी तत्परता के साथ जोशीमठ क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर पैनी नजर रखने का काम करेंगे। समय-समय पर कमेटी के सदस्य जोशीमठ पहुंचकर नुकसान का जायजा लेंगे, क्षेत्र का मुआयना करेंगे।

उत्तराखंड कांग्रेस जोशीमठ के महत्व को समझती और महसूस करती है। जोशीमठ उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा पर बसा अंतिम नगर है। इस नगर का ऐतिहासिक महत्व है। कत्यूरी राजवंश की राजधानी होने से इसका उत्तराखण्ड के इतिहास में खास महत्व है। शंकराचार्य के यहां आने तथा ज्ञान पाने व प्रथम मठ स्थापना के बाद इस नगर का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व पिछले 13 सौ सालों में लगातार बढ़ा ही है। पिछले 30 चालीस सालों में इस नगर का पर्यटन महत्व भारत की सबसे लंबे रोपवे बनने से व औली के स्कीइंग केन्द्र बनने से बढता गया है। सेना, आईटीबीपी गढ़वाल स्काउट के यहां मुख्यालय होने से इस नगर का राजनीतिक एवं सामरिक महत्व है।

गरिमा दसौनी माहरा ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड कांग्रेस द्वारा गठित हाई पावर कमेटी इस बात पर गौर करेगी कि सरकार वहां की स्थानीय जनता की जानमाल की रक्षा के लिए वहां पर राहत के क्या कार्य कर रही है। हाईपावर कमेटी राज्य सरकार पर दबाव बनाएगी के हेलंग मारवाड़ी बाईपास पर हो रहे निर्माण कार्य एवं एनटीपीसी तथा किसी और कम्पनी के द्वारा हो रहे निर्माण कार्य रुकवाए जाऐ। कमेटी इस बात का भी ख्याल रखेगी कि एनटीपीसी द्वारा पूर्व में जोशीमठ के समस्त घर, मकानों के बीमें करवाये जाने का जो समझौता हुआ था उसका पालन हो रहा है या नही। भूस्खलन के कारण बेघर हो रहे लोगो के विस्थापन एवं पुनर्वास की व्यवस्था गतिशील है या नही।