पार्टी संगठन की मजबूती और नेताओं को एकजुट करने के लिए कांग्रेस की कोशिश एक बार फिर चकनाचूर हो गई। मंगलवार को सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की अनदेखी को मुद्दा बनाते हुए रावत कैंप के नेताओं ने भरी बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए उन्हें ही कठघरे में कर दिया। गुस्साए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल तो यहां तक कह गए कि अब कोई फैसला लिया जाए तो सबकी सहमति से लिया जाएगा, वर्ना प्रदेश में असंतोष संभाले न संभलेगा।
विवाद की शुरूआत तब हुई जब मंच पर शीर्ष नेताओं को माला पहनाते वक्त मंच से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समर्थन में नारे लगे, लेकिन हरीश का नाम नहीं लिया। इससे बिफरे धारचूला विधायक हरीश धामी ने सुबह ही मोर्चा खोला दिया। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे हालात में कांग्रेस का भगवान ही मालिक है। मंच संचालन कर रहे प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत पर तल्ख टिप्पणियां करते हुए कहा कि इस आदमी को तत्काल पार्टी से निकाला जाना चाहिए। प्रीतम सिंह, इंदिरा ह्दयेश के बाद भाषण देने आए हरीश रावत ने लंबी तकरीर देते हुए परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया। कहा कि, मेरा सौभाग्य है कि कांग्रेस की चार पीढियों के साथ काम करने का मौका उन्हें मिला है।
अपने भाषण के बाद हरीश चले गए। कई नेताओं के बाद जब कुंजवाल की बारी आई तो उन्होंने बैठक की सूचना न देने और हरीश रावत के अपमान का आरोप लगाते हुए सीधा प्रदेश अध्यक्ष पर ही निशाना साधा। कहा कि आज बोलने के लिए भी मुझे मुश्किल से वक्त मिला है। जब तक मन का मैल खत्म न होगा तब तक कांग्रेस का भला होने वाला नहीं। बीते रोज राजीव भवन में हरीश की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कुंजवाल ने कहा कि पहले तो अध्यक्ष ने रावत को दस मिनट इंतजार कराया और फिर जल्दी चले भी गए। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश कार्यकारिणी ठीक से न बनाई तो प्रदेश भर में असंतोष फैल जाएगा।
गढ़वाल-कुमाऊं का पत्ता चलते हुए कुंजवाल ने कहा कि कुमाऊं मंडल भले थोडा छोटा है, लेकिन उनका महत्व कम कर न आंका जाए। तभी पीछे से मंच संचालन कर रहे प्रीतम समर्थक विजय सारस्वत ने चुटकी ली कुंजवाल जी अगर एनडी तिवारी जी के कार्यकाल का भी उल्लेख कर लेते तो बढि़या रहता। नीचे प्रेस गैलरी में बैठे एक दूसरे नेता ने कहा कि विजय बहुगुणा जी का कार्यकाल भी कुंजवाल जी को याद होगा कि उस वक्त उन्होंने क्या नहीं किया? दोनों खेमों के बीच तनातनी बढ़ती देख राज्यप्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह बिफरते हुए मंच पर आए और संचालन कर रहे प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को कहा कि आज देखा जाएगा जो भी होगा। जो भी कार्यकर्ता अपनी बात रखना चाहता है, उसकों बोलने का मौका दिया जाए। इसके तत्काल बाद मंच पर आए सांसद प्रदीप टम्टा ने भी चुटकी ली कि किसी की अनदेखी करके कांग्रेस को मजबूत नहीं किया जा सकता। रावत जी का योगदान कोई भुला नहीं सकता। देर शाम तक कांग्रेस नेता अपने मन की बात करते रहे।
किसी भी व्यक्ति से सभी लोग खुश नहीं रह सकते। रही बात कुंजवाल जी की तो वो हमारे साथी है। वो मेरे बारे में जानते हैं तो मैं भी उनका बारे में खूब जानता हूं। वो हमारे बुजुर्ग हैं। उन्हें हम मना ही लेंगे।
वहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि “मत-मन भेद वाली कोई बात नहीं है। यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह है। पार्टी की मीटिंग में सभी अपनी बात रख रहे हैं। मैं चाहूंगा यह उत्साह का माहौल सदैव कायम रहे।”