कोरोना संकट के दौरान भी कांग्रेस का हाल बुरा है। कोरोना का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार के इंतजाम पर कांग्रेस के बडे़ नेताओं में ही एकराय नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत तमाम नेता सरकार के प्रयासों की लगातार तारीफ कर रहे हैं, लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय तमाम सवाल उठाकर घेराबंदी के लिए जोर लगा रहे हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस की स्थिति तमाम अन्य मौकों पर जिस तरह से बिखरी बिखरी रहती है, उसी तरह कोरोना काल में भी दिखाई दे रही है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कई बार बयान जारी करके सरकार के प्रयासों की सराहना कर चुके हैं। सिंह ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर सरकार के इंतजामों को सराहा है। सरकार के साथ संकट में पूरी तरह से खड़ा रहने का भरोसा भी दिलाया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट भी सोशल मीडिया पर सीएम की सराहना कर चुके हैं। मगर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सोशल मीडिया पर सरकार को घेरते हुए सवाल उठा रहे हैं। उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर अपनी ताजा पोस्ट में ओलावृष्टि और समय पर फसलों की कटाई न होने से किसानों की तकलीफ साझा की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किसानों की समस्या पर सरकार ध्यान ही नहीं दे रही। इन स्थितियों के बीच प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. आरपी रतूड़ी का कहना है कि कोरोना संकट में कांग्रेसजन देशहित को देखते हुए सरकार के साथ खड़े हैं। हालांकि जहां पर जरूरी हो रहा है, वहां पर सरकार का ध्यान समस्याओं की तरफ भी आकृष्ट कराया जा रहा है।
सोनिया किचनः नेताओं की छाप, संगठन गायबः कांग्रेस ने गरीब और बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए मोदी किचन की तर्ज पर सोनिया किचन कुछ जगहों पर शुरू की है। मगर कांग्रेस के सामने इसे और प्रभावशाली बनाने की चुनौती है। दरअसल, भाजपा और कांग्रेस के किचन के इस प्रोग्राम में बुुनियादी अंतर दिखाई दे रहा है। भाजपा के प्रोग्राम में जहां पूरे संगठन के सामूहिक प्रयास नजर आ रहे हैं, वहीं सोनिया किचन नेता विशेष की छाप लिए हैं। इसमें नेताओं के समर्थक तो सक्रिय हैं, लेकिन कांग्रेस का पूरा संगठन नजर नहीं आ रहा है।