देहरादून, लोकसभा चुनाव में मिली हार की हताशा को दूर कर कांग्रेस विधानसभा सत्र की छोटी अवधि में आक्रामक भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस इस सत्र में कर्मचारियों समेत विभिन्न वर्गों के आंदोलनों के आधार पर सरकार को घेरने की रणनीति बुन रही है। हालांकि चुनाव में हार के बाद नेताओं के भीतर जो असंतोष पल रहा है, उसमे बेहतर तालमेल बना पाना भी बहुत आसान नहीं माना जा रहा है।
इन स्थितियों के बीच, संसदीय कार्य मंत्री बतौर एकदम नए चेहरे का कांग्रेस लाभ उठाने की कोशिश करेगी। हालांकि इस सत्र के लिए संसदीय कार्य मंत्री बनाए गए मदन कौशिक के पास भी संसदीय कार्यों का लंबा अनुभव है, फिर भी कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि सरकार को घेरने में आसानी होगी। कांग्रेस की दिक्कत उसके नेताओं का तालमेल भी है।
माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और उपनेता करण माहरा के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। इन सबके बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह और पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुुंजवाल भी हैं, जो सदन की कार्यवाही के दौरान पूरा दखल रखते हैं। कहा जा रहा है कि कर्मचारी और अन्य आंदोलनों का आधार लेकर कांग्रेस घेरने की रणनीति तैयार करेगी। कांग्रेस की अंदरुनी सियासत सदन में क्या गुल खिलाती है सरकार को घरेने में ये भी देखना होगा।