मानव श्रृंखला पर कांग्रेस ने उठाया सवाल, कहा जनता की भागीदारी ना के बराबर 

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देहरादून, उत्तराखण्ड कांग्रेस ने नगर गिगम की ओर से आयोजित मानव श्रृंखला की मंशा पर सवाल उठाया है। कांग्रेस इसे आधी अधूरी तैयारी और अव्यवस्थाओं वाला अभियान बताकर ​स्वास्थ्य व बच्चों की पढ़ाई बाधित करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि इस अभियान में जनता की भागीदारी ना के बराबर रही। जो अभियान की सफलता कम विफलता का ज्यादा संदेश दे रही है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने एक जारी बयान में कहा कि मानव श्रृंखला का मंशा और मकसद कांग्रेस को लेना देना नही है। हम श्रंखला कार्यक्रम का स्वागत करते है लेकिन कांग्रेस इतना जरूर कहना चाहती है कार्यक्रम तय करने से पहले समय व दिन का ख्याल रखना चाहिए। आज बच्चों को पढ़ाई से वंचित रखकर उन्हें सड़क पर मानव श्रंखला बनाना उनके भविष्य के साथ मजाक है, इसके लिए छुट्टी का दिन तय करना चाहिए था। 
उन्होंने महापौर से कहा कि आपकों ऐसे कार्यक्रम तय करने से पहले जनता की समस्याओं पर भी सोचना चाहिए। जगह-जगह एंबुलेंसेस को रोका गया। बच्चों के साथ-साथ नौकरी पेशा वालों को परेशानियों से दो चार होना पड़ा। श्रंखला के दौरान हर वर्ग के लोग इधर से उधर भटकते रहे। ऐसे में कार्यक्रम की सफलता की बात करना बेमानी है। 
उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को नजरअंदाज करना कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने वाले अयोजकों की संवेदनशीलता पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। जिस तरह से बड़बोलापन दिखाते हुए नगर निगम महापौर ने पचास किमी. की लम्बी मानव श्रृंखला एवं एक लाख लोगों की उक्त कार्यक्रम में शामिल होने की बात कहीं थी उसका सच यह है कि जनता की भागीदारी इसमें ना के बराबर रही। 
कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर भी कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों की अनदेखी अवहेलना एवं उपेक्षा राज्य के साथ धोखा है। कहा कि राज्य आन्दोलनकारी जिन्होंने अपना स्र्वस्व राज्य आन्दोलन के लिए नयौछावर कर दिया  उन्हें सरकार भूलकर राज्य का अपमान किया है। राज्य की जनता ऐसे व्यवहार को कतई बर्दाश्त नही करेगी। ये राज्य आन्दोलन की भावनाओं पर कुठाराघात है।