सीएम धामी के खिलाफ उतारेंगे दमदार उम्मीदवार : हरीश रावत

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार को बैसाखी पर्व पर हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने वीआईपी घाट पर गंगा में स्नान किया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सामने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। सीएम धामी के उप चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कांग्रेस दमदार उम्मीदवार उतारेगी।

हरीश रावत ने विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस में हो रही उथल-पुथल पर कहा कि थोड़ा विचार, थोड़ा मंथन है। क्योंकि जब लोग समझ रहे थे कि हम जीत रहे और कांग्रेस सत्ता में आ रही है। वैसा नहीं हुआ तो फिर एक मानसिक हलचल तो होती ही है। लोगों को धक्का लगता है। कुछ लोग हैं, जो भावनाओं को कंट्रोल कर पाते हैं और कुछ लोग भावना कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, लेकिन बाद में सब ठीक होता है।

प्रदेश कांग्रेस में नए पदाधिकारियों को बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि इस मामले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह पार्टी का निर्णय है। हरीश धामी की टिप्पणी और पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि जब किसी समय कोई अप्रत्याशित चीज होती है तो भावनाएं उद्वेलित होती हैं और भावनाओं के बाद जो बातें आती हैं, वह ठंडे धरातल पर होंगी, तब देखेंगे।

कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलों पर हरीश रावत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मुझे जानकारी में नहीं है कि बैठक है या नहीं, लेकिन अगर दो चार लोग मिलते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन मेरे हिसाब से ऐसा कुछ नहीं है। उत्तराखंड में 10 विधायकों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि अप्रत्याशित हार से पार्टी में थोड़ी चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन इससे कांग्रेस के शुभचिंतकों को कोई लाभ नहीं होगा।

उत्तराखंड में सीएम धामी के उपचुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा गलत परंपराएं नहीं लाएगी। धामी अपनी ही पार्टी के विधायक से इस्तीफा दिलवाकर उसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस धामी के खिलाफ चुनावी मैदान में एक मजबूत उम्मीदवार को उतारेगी। हरीश रावत ने कहा दिल्ली के भी चुनाव आ रहे हैं, प्रवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है। इस चुनाव में हमने महसूस किया है कि वह या तो आप की तरफ झुके हुए हैं या भाजपा की तरफ से खड़े हैं। हम अपने 10 से 12 लाख लोगों को जिनमें अपने घरों और जमीन से आज भी जुड़ाव है, उनको दूसरों के लिए नहीं छोड़ सकते, लेकिन अब अपने शरीर की हिम्मत पर भी है। दोनों को देखते हैं क्या होता है।

हरीश रावत ने कहा कि समयानुसार सभी पार्टियों में बदलाव आते हैं। जो जरूरी होगा, वह बदलाव हम लाएंगे। राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे। वो कांग्रेस के नेता हैं, देश के नेता हैं। इसमे भी कहीं कोई दो राय नहीं है, बल्कि हम तो चाहते थे कि वर्किंग कमेटी का प्रस्ताव था। सर्वसम्मति स्टैंडिंग कमेटी का जिसमें राज्यों के सब नेतागण भी सम्मिलित थे। सब ने एक राय से राहुल से आग्रह किया था कि आप संभालिए बागडोर, फिर उसके बाद सब सीक्वेंटली वर्किंग कमेटी में भी यह बात आई थी। एक दिन हम लोगों को सोनिया गांधी से बात करने के लिए बुलाया था, उसमें गुलाम नबी, हुड्डा भी सम्मिलित थे। उसको ब्रीफ करने के लिए मैं और पृथ्वीराज चौहान गए थे। उसमें चौहान ने कहा कि सर्वसम्मत की राय थी कि राहुल गांधी बागडोर संभाले।

संघ प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत के बयान पर हरीश रावत ने कहा कि वह किस रूप में उसको जोड़ना चाहते हैं, यह तो मोहन भागवत ही बता सकेंगे। हम तो उनका बड़ा आदर करते हैं।