उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस राज्यसभा में भी कम होगी। उत्तराखंड से जाने वाली एक और सीट अब भाजपा के कब्जे में आ जाएगी। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के पांच लोकसभा सांसद एवं दो राज्यसभा सांसद हैं, जबकि उत्तराखंड में तीन राज्यसभा सांसदों की सीट है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा का मनोनयन 5 जुलाई 2016 को हुआ था और उनका कार्यकाल 4 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नरेश बंसल के साथ-साथ एक तीसरा नाम भी भाजपा कोटे से राज्यसभा पहुंचेगा। उत्तराखंड की वर्तमान सरकार ने जहां दोबारा सरकार लौटाकर मिथक तोड़ा है वहीं गंगोत्री विधानसभा सीट से जीतने वाले उम्मीदवार का मिथक इस बार भी नहीं टूटा। इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार सुरेश चौहान गंगोत्री से चुनाव जीते हैं।
एक मिथक के अनुसार जिस दल के उम्मीदवार गंगोत्री चुनाव जीतते हैं, उसी दल की सरकार बनती है। भाजपा की सरकार बन गई है अब उसे एक राज्यसभा सदस्य और मिल जाएगा जो कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। राज्यसभा सीट पर चयन के लिए दो तिहाई बहुमत बड़ा बहुमत है जिसके माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अपने प्रत्याशी चुनकर भेजेगी। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के पास 70 विधायकों में से 47 विधायक है। समूचा विपक्ष भी मिल जाए तो भी वह भाजपा उम्मीदवार को नहीं हरा सकते। वैसे भी सत्ता पक्ष का प्रत्याशी ही राज्यसभा चुनकर जाता है और भाजपा इस मामले में चुनावी गणित में आगे है।