देहरादून, प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी लेने के लिए ऊर्जा निगम दफ्तरों में एडिय़ां घिसनी पड़ रही हैं। एक उपभोक्ता इस मामले को लेकर विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच पहुंचा तो ऊर्जा निगम को ब्याज समेत सिक्योरिटी वापस करने के आदेश दिए हैं। लेकिन, इस समस्या से जूझ रहे उपभोक्ताओं की संख्या 800 से अधिक है।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने प्रीपेड मीटर योजना 13 जनवरी 2015 को अस्थायी कनेक्शनों के लिए शुरू की गई थी और अप्रैल तक प्रदेशभर में करीब 800 मीटर लगे। अधिकांश दून में ही थे। चार महीने बाद योजना तकनीकी कारणों से बंद हो गई थी। इससे प्रीपेड उपभोक्ताओं न तो सिक्योरिटी वापस मिली न बैलेंस। जबकि, स्थाई कनेक्शन लेने के बाद यह धनराशि बिलों में समायोजित होनी थी। ऊर्जा निगम ने तर्क दिया गया कि टैरिफ प्रीपेड का टैरिफ अपडेट नहीं होने के कारण धनराशि का समायोजन नहीं हो पा रहा। इस मामले में अजबपुर कलां निवासी यशोदा तडिय़ाल ने मंच में शिकायत की। मंच के न्यायिक सदस्य तेजवीर सिंह, तकनीकी सदस्य सीआर गोस्वामी और उपभोक्ता सदस्य हिमांशु बहुगुणा ने दोनों पक्षों को सुना। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की जमानत राशि रोका जाना तर्क और न्याय संगत नहीं है। ऊर्जा निगम स्थाई कनेक्शन के बिल में निर्धारित ब्याज समेत सिक्योरिटी की धनराशि को समायोजित करे। लेकिन, सवाल ये भी है कि क्या हर उपभोक्ता को सिक्योरिटी के लिए मंच में वाद दायर करना होगा। वहीं, ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि प्रीपेड मीटर सेवा कुछ समय पहले ही दोबारा शुरू हुई है। जल्द ही सभी उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी व बैलेंस की धनराशि को वापस किया जाएगा।