आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रूड़की के 24 छात्रों का दल, जो घुत्तू-गंगी टिहरी गढ़वाल से श्री केदारनाथ के लिये ट्रेकिंग पर गये थे, टिहरी गढ़वाल की खोज-बचाव टीम को गंगी के पास मिल गये हैं। सभी 19 छात्र और उनके अन्य 5 सहयोगी सकुशल हैं तथा ट्रेकिंग पूर्ण किये बिना ही वापस घुत्तू आ रहे हैं। सभी घुत्तू आज पहुचेंगे तथा रात्रि रीह में ही रुकें। इन छात्रों के साथ में SDRF घनसाली, पुलिस थाना घनसाली, राजस्व टीम घनसाली व वन विभाग के कर्मी हैं। उच्च अधिकारियों द्वारा भी पूरे प्रोसेस पर नज़र रखी जा रही है।
आइआइटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) रुड़की के 19 छात्रों का ट्रैकिंग दल का संपर्क कटने से पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया था। इस दल से कल तक कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। कयास लगाए जा रहा था कि मौसम खराब होने की वजह से संभवत: ट्रैकिंग दल कहीं रास्ते में कैंप लगाकर रह रहे हो। दल को खोजने के लिए पुलिस दल बासुकीताल के लिए रवाना किया गया था।
22 सितंबर को ट्रैकिंग दल टिहरी जिले के गंगी से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था। दल को मयाली टॉप से वासुकीताल होते हुए केदारनाथ पहुंचना था। इस दल का पता नहीं चल पा रहा था कि वह कहां और किस स्थिति में है। दल में 19 छात्रों के साथ ही पांच पोर्टर भी हैं, कुल मिलाकर दल में 24 सदस्य हैं।
इस संबंध में आइआइटी प्रशासन की ओर से पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग पीएन मीणा से संपर्क किए जाने के बाद पुलिस भी ट्रैकिंग दल से संपर्क साधने की कोशिश कर रही थी।
उधर, आइआइटी रुड़की से 45 छात्रों का एक दल 18 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के मनाली में हैम्पता पास की ट्रैकिंग पर गया था। दल में तीन छात्राएं भी शामिल हैं। 24 सितंबर को इस दल को संस्थान वापस लौटना था, लेकिन हिमाचल प्रदेश में मौसम खराब होने के कारण सोमवार को संपर्क टूट गया।
जैसे-तैसे दल के वाहन चालक से संपर्क हुआ तो उसने बताया कि सभी छात्र भारी बारिश के चलते पहाड़ पर फंसे हुए हैं। इसके बाद संस्थान की ओर से हिमाचल प्रदेश सरकार से मदद मांगी गई। साथ ही स्थानीय पुलिस को भी सूचित किया गया।