औली में शाही शादी को लेकर घमासान जारी

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controversies in auli marriage event
औली/गोपेश्वर। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के उद्योगपति गुप्ता बंधुओं के बेटों की औली में होने वाली शादी समारोह पर घमासान मचा हुआ है।  गुप्ता बंधुओ की शाही शादी को लेकर जहां स्थानीय लोगों की ओर से  पर्यावरण को नुकसान को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं वहीं बदरीनाथ से  विधायक महेंद्र भट्ट  इस आयोजन से औली  को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलने की बात कह रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पूर्व में गुप्ता बंधु की ओर से शादी इटली में करवाने की योजना बनाई जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के आग्रह पर गुप्ता बंधुओं द्वारा शादी औली में करवाई जा रही है। कार्यक्रम के अनुसार यहां 18 से 20 जून तक सूर्यकांत और 20 से 22 जून तक शशांक की शादी का आयोजन किया जाएगा। इस शादी पर 200 करोड़ रूपए खर्च होंगे। स्विटजरलैंड से ही पांच करोड़ के नाना प्रकार के फूल लाकर शादी स्थल को गुलदस्ते के रूप में सजाया जाएगा। शादी समारोह का जिम्मा ईफोर्स इवेंट कंपनी को दिया गया है। शादी में गुप्ता परिवार के परिजनों और रिश्तेदारों के साथ ही 55 से अधिक वॉलीबुड स्टार और देश की हस्तियां शामिल होने जा रही है। स्थानीय लोग जहां आयोजन के भविष्य में होने वाले लाभ से उत्साहित हैं। वहीं पर्यावरण को होने वाले नुकसान की चिंता भी लोगों को सता रही है।
इधर एडवेंचर एशोसिएशन जोशीमठ ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर नियमों के उल्लंघन किये जाने की शिकायत की है। एशोसिएशन के सचिव संतोष कुंवर का कहना है कि औली में शादी के आयोजन के लिये बडे पैमाने पर टैंट लगाये जा रहे हैं। जो कि बुग्याल के संरक्षण के लिये नुकसानदेह है। वहीं विधायक महेंद्र भट्ट का कहना है कि औली में हो रहे आयोजन से औली को वैडिंग डेस्टीनेशन के रुप में नई अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी। जिससे यहां भविष्य में स्थानीय लोगों को भी बेहतर रोजगार मिल सकेंगे।
जोशीमठ के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी लाल शाह का कहना है किऔली में प्रस्तावित शादी से औली को नई पहचान मिलेगी। लेकिन सरकार और प्रशासन को स्थानीय लोगों के हितों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आंकलन कर नियमानुसार अनुमति देने चाहिए।
पैनखंडा संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र सती का  मानना है कि औली स्कीइंग, पर्वातारोहण और साहसिक पर्यटन का क्षेत्र है। यहां भारी मात्रा में हैलीकाप्टरों की आवाजाही और इस प्रकार के आयोजन यहां के पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालेंगे। सरकार को औली को उसके मूल स्वरुप में विकासित करना चाहिए। इस प्रकार के आयोजन से स्थानीय रोजगार के बढने की भी कोई उम्मीद नहीं है।
जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार ने औली के मूल स्वरुप को क्षति पहुंचाये बिना नियमानुसार आयोजन को स्वागत योग्य बताया  है। उन्होंने कहा  कि अगर  बुग्याल को खुर्दबुर्द कर आयोजन किया जाता है, तो इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।
जोशीमठ उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष नैन सिंह भंडारीने कहा कि औली में हो रहे आयोजन के लिये आयोजकों द्वारा नगर में कुछ होटलों को आरक्षित करवाया गया है। ऐसे में यदि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन औली में होते हैं तो व्यापारियों को बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद है। लेकिन आयोजक और प्रशासन को यहां के पर्यावरण के नुकसान को लेकर भी पुख्ता इंतजाम करने होंगे।