(देहरादून) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की पहल के बाद अब उत्तराखंड का सहकारिता विभाग ने भी ऑनलाइन की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। पहले चरण में सहकारी बैंक व फाइनेंस सिस्टम को ऑनलाइन किया जाएगा, इसके बाद सरकार पूरे सहकारिता सिस्टम को ऑनलाइन करेगी।
सोमवार को उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यालय पर आयोजित 64वें सहकारिता सप्ताह के दौरान राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष दान सिंह रावत, डिप्टी रजिस्ट्रार नीरज बेलवाल ने यह बाते कही। बताया कि विभाग को डिजिटलाइजेशन करने में आने वाले खर्च का 60 फीसद केंद्र सरकार, 35 फीसद राज्य सरकार व पांच फीसद पैक्स समितियां खर्च करेगी। इस व्यवस्था के तहत सभी 759 पैक्स समितियों को ऑनलाइन किया जाएगा। अध्यक्ष ने बताया कि विभाग केंद्र सरकार से अपील कर रहा है कि चूंकि, राज्य की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है तो इसलिए केंद्र 80 फीसद खर्च वहन करे। बताया कि पहले चरण में सहकारी बैंक व फाइनेंस सिस्टम को डिजीटलाइज्ड करने के बाद पीडीएस सिस्टम, धान व गेहूं खरीद आदि सभी को इसके दायरे में शामिल किया जाएगा। जल्द ही ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
2000 कार्यक्रम चलाएगा नाबार्ड
कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि अभी राज्य के किसान ऑनलाइन सिस्टम से अंजान है। इसलिए नाबार्ड दो हजार जागरूकता कार्यक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है। जिससे किसानों को जागरूक किया जाएगा।
विशेषज्ञ देंगे किसानों को ट्रेनिंग
राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष दान सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता विभाग भी किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा। इस दौरान विशेषज्ञ किसानों को इस व्यवस्था की बेसिक ट्रेनिंग देंगे। साथ ही विभाग ऑनलाइन प्रक्रिया को होर्डिंग्स, बैनर व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी किसानों को जागरूक करेगा।
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
कार्यक्रम में निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्रा ने बताया कि डिजीटलाइजेशन से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। हालांकि, इस व्यवस्था में कुछ जोखिम भी हैं, जिसका सावधानी से निस्तारण करना होगा।