उत्तराखंड के मशहूर कॉर्बेट नेशनल पार्क में सैलानियों को जंगल सफारी का लुत्फ दिलाने के लिए अब स्थानीय महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। यहाँ जंगल सफारी में गाइड साथ ले जाना अनिवार्य है और अब तक यहां 90 पुरुष गाइड कार्यरत हैं। जल्द ही 25 गाइडों की भर्ती होगी, जिसमें महिलाओं को पहली बार प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
सैलानियों को घुमाने के लिए महिला गाइड
पार्क के निदेशक राहुल के मुताबिक पार्क में बिजरानी, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी इत्यादि जोनों में जीप सफारी में पार्क द्वारा पंजीकृत गाइड सैलानियों के साथ जाते हैं, जिन्हें एक राइड में 600 रुपये मेहनताना मिलता है। इस बार पार्क में गाइडों के खाली पड़े 25 पदों पर महिलाओं को चयनित करने पर विचार किया गया है। पार्क प्रशासन से अलग हटकर निजी स्वयंसेवी संस्थाओं ने ग्रामीण महिलाओं को नेचर गाइड बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। पार्क से सटे वन ग्राम रिंगौड़ा की पांच बालिकाओं को पक्षी अवलोकन व प्रकृति भ्रमण के लिए सैलानियों के मार्गदर्शन हेतु तैयार किया जा रहा है। ट्रेनिंग ले रही इन लड़कियों को फारेस्ट एंजेल्स नाम दिया गया है। जो सैलानियों को घुमाकर आजीविका कमा सकेंगी। महाशीर कंजरवेंशी, गोट विलेज और ताज सफारी के सहयोग से इन ग्रामीण महिलाओं को तैयार किया जा रहा है।
इस क्षेत्र में काम करने की इच्छुक लड़कियों से बात करने के बाद उनको विधिवत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रसिद्ध किताब बर्ड ऑफ इंडियन सबकॉन्टिनेंट की सह लेखिका कैरोल इन्स्कीप ने भी हाल ही में उन्हें पक्षियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने परिंदों को उनकी उड़ान, आवाज और व्यवहार से पहचानने की कला से अवगत कराया। ट्रेनिंग की शुरुआत करने वाले सुमंतो घोष ने कहा कि रिंगोड़ा गांव के इतिहास, भूगोल और यहां के वन्य जीवों के बारे में प्रशिक्षुओं को जानकारी दी जा रही है। फारेस्ट एंजेल्स मनीषा कांडपाल ने इसे दिलचस्प बताते हुए महिलाओं के लिए कैरियर के नए द्वार खोलने वाला बताया।