कोरोना संकटः मछली पालन बन रहा आर्थिकी का साधन

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कोरोना
कोरोना संकट के बीच जिले में मछली पालन आर्थिकी को मजबूत करने में बेहद कारगर साबित हो रहा है। चमोली जिले के मत्स्य पालकों ने लाॅक डाउन के दौरान मछली बेचकर पांच लाख रुपये तक की आय अर्जित की है। चमोली जनपद में मछली पालन की भरपूर संभावनाएं है। कोरोना संकट के चलते गांव लौटे प्रवासी नवयुवक मछली पालन व्यवसाय को अपनाकर स्वरोजगार कर सकते हैं। मत्स्य विभाग के माध्यम से जिला योजना, राज्य योजना, केन्द्र पोषित योजना के तहत बहुत ही आकर्षक एवं लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इच्छुक किसानों को मछली पालन के लिए तालाब और रेसवेज बनाने में भी मदद दी जा रही है।
मत्स्य विभाग ने जून में राज्य के ट्राउट मत्स्य पालकों को मत्स्य प्रक्षेत्र बैरांगना से सात लाख ट्राउट मत्स्य बीज का आवंटन किया है। इसमें से 2.50 लाख मत्स्य बीज जनपद चमोली के मत्स्य पालकों में वितरित हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष मत्स्य विभाग की ओर से लगभग 100 तालाब एवं ट्राउट रेसवेज का निमार्ण करवाया गया। इसमें 2.50 लाख ट्राउट मत्स्य बीज एवं दो लाख कार्प मत्स्य बीज संचय किए जा चुके हैं। अभी भी मत्स्य बीज संचय की प्रक्रिया जारी है। जनपद में अवस्थित दोंनो मत्स्य प्रक्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में मत्स्य बीज किसानों को वितरण के लिए उपलब्ध हैं। कोई भी किसान जिले में मत्स्य विभाग से संपर्क कर मत्स्य बीज ले सकते हैं। वर्तमान में मत्स्य विभाग के माध्यम से जनपद के सूराईथोटा, वाण, माईथान जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी तालाब, रेसवेज बनाकर मत्स्य पालन के इच्छुक काश्तकारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भविष्य में मत्स्य विभाग के माध्यम से जिले में एग्लिंग, फिश आउटलेट, वैल्यू एडिसन एवं रंगीन मछलियों (एक्वेंरियम फिश) जैसे कार्याें का वृहत स्तर पर करवाकर अधिकाधिक रोजगार सृजन करने का लक्ष्य है।
जिले में मत्स्य पालन की भरपूर संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने मत्स्य विभाग को अधिक से अधिक लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। दोनों ने कहा कि इसके लिए फंड की कमी नही होने दी जाएगी।
जिला मत्स्य प्रभारी जगदम्बा कुमार ने बताया कि जिले में गैरसैंण के आनन्द सिंह ने लगभग एक लाख, देवभूमि मत्स्य जीवी सहकारी समिति ल्वाणी ने 70 हजार, सतेन्द्र सिंह गोदीगिवाला ने 60 हजार, बैरांगना के दिलबर लाल ने 40 हजार, बैरांगना के विरेन्द्र राणा ने 50 हजार तथा बैरांगना के ही मुकेश कुमार ने 20 हजार रुपये की मछलियां बेच चुके हैं।