अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में दून अस्पताल से रेफर कोरोना पॉजिटिव महिला मरीज को भर्ती किया गया है। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि कोरोना में स्थिर मरीजों का इलाज प्रदेश के किसी भी समीपवर्ती कोरोना केंद्र में समुचित रूप से हो सकता है, मगर जटिल एवं अस्थिर मरीजों के लिए एम्स संस्थान के द्वार हमेशा खुले हैं।
प्रो. रवि कांत ने बताया कि संकट की इस घड़ी में एम्स जनता की सेवा के लिए कटिबद्ध है। 53 वर्षीया उक्त महिला का इससे पूर्व जीबी पंत अस्पताल दिल्ली में पित्त की नली में पथरी के लिए ईआरसीपी माध्यम से इलाज किया गया। ईआरसीपी के पश्चात महिला को पास पैक्रेटाइटिस की समस्या उत्पन्न हुई, जिसके लिए उनको अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भी भर्ती रखा गया। महिला को 20 मार्च को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, मगर महिला 10 मई तक दिल्ली में रही। 11 से 13 मई तक अपने देहरादून स्थित घर में आइसोलेशन में रही। महिला को पिछले 10 दिनों से खांसी व 7 दिनों से बुखार था।
महिला को बीते बुधवार 13 मई को दून अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसके बाद महिला के परिजनों के आग्रह पर मरीज को एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है। अस्पताल में उसका कोरोना का उपचार किया जा रहा है। एम्स निदेशक के स्टाफ ऑफिसर डा.मधुर उनियाल ने बताया कि महिला की स्थिति फिलहाल स्थिर है।