कांवड़ मेले के बाद कोरोना की चुनौती

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कोरोना

कांवड़ मेला का शांतिपूर्वक समापन होने के बाद अब शासन-प्रशसन के लिए कोरोना चुनौती बन गया है। कांवड़ मेले में करीब 4 करोड़ कांवडि़ये हरिद्वार जल लेने पहुंचे लेकिन कांवड़ मेले के संपन्न होते ही उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े डराने वाले हैं।

बीते मंगलवार को प्रदेश में 282 कोरोना संक्रमित मिले। इसमें 22 संक्रमित हरिद्वार में भी पाए गए। हरिद्वार प्रशासन के लिए कोरोना से निपटना बड़ी चुनौती हो गई है। गुरु पूर्णिमा से शुरू हुआ कांवड़ मेला सावन की शिवरात्रि पर शिवालयों में किए गए जलाभिषेक के साथ समापन हो गया है।

कांवड़ मेला 2 वर्ष बाद हो रहा था, इसलिए यह संभावना जताई जा रही थी कि बहुत बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार पहुंचेंगे। अनुमान सही भी साबित हुआ है और लगभग चार करोड़ कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। लेकिन अब कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार को फिर से सतर्क कर दिया है। हरिद्वार प्रशासन फिर से उत्तराखंड सरकार की एसओपी के तहत मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और कोरोना जांच पर जोर देने जा रहा है।

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे का कहना है कि कांवड़ मेला खत्म हो चुका है। अब कोरोना एसओपी के तहत कार्रवाई की जाएगी। एक-दो दिन में कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। मुख्य रूप से मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा कोरोना वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिले में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।