कोरोना काल में चारधाम, बिना श्रद्धालुओं के शुरू हुई चारधाम यात्रा

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चारधाम
चारधाम यात्रा के अंतर्गत श्री गंगोत्री धाम के कपाट विधिविधान पूर्वक आज शुभ मुहुर्त पर  प्रात:  7 बजकर 31 मिनट पर खुल गये हैं। कल मां गंगा की भोग मूर्ति भैरों घाटी पहुंची थी। आज प्रात: चार बजे मां गंगा की डोली ने गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर मां गंगा की आरती हुई तथा जनकल्याण की कामना की गयी।
श्री गंगोत्री धाम के कपाट खुलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा फिलहाल स्थगित है लेकिन स्थितियां सामान्य होने पर चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी। श्रद्वालुजन अपने घरों में पूजा-अर्चना करें। उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा स्थगित होने के कारण धामों के कपाट सांकेतिक रूप से खुल रहे हैं। केवल पूजा परंपरा से जुड़े लोगों को ही धामों में जाने की अनुमति है। धामों में पूजा- अर्चना विधिवत रूप से चलती रहेगी।
कपाट खुलने के दौरान कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित मानकों का पालन किया गया। इस अवसर पर श्री गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल, राजेश सेमवाल, भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी देवेन्द्र सिंह नेगी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विशेष कार्याधिकारी/ प्रभारी अधिकारी गंगोत्री धाम राकेश सेमवाल, अरविंद सिंह नेगी और कल्याण सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को दोपहर में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गये हैं तथा  17 मई  सोमवार को 5 बजे  श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। आज श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंचेगी। देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह  डोली के साथ चल रहे हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई  मंगलवार प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुलेंगे। हालांकि श्री हेमकुंड साहिब एवं श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की  तिथि अभी निश्चित नहीं हुई है।
कोरोना काल की मार दूसरी बार चारधाम यात्रा पर पड़ी है। यह दूसरी बार होगा जब विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बिना श्रद्धालुओं के खुले। प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिला प्रशासन ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोलने को लेकर तैयारियां पूरी की गई। शुक्रवार को यमुनोत्री धाम के कपाट और शनिवार सुबह गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर मात्र 25-25 पुरोहितों और प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों की मौजूदगी में खोल दिये गये। शुक्रवार दोपहर को चारधाम यात्रा दूसरी बार बिना श्रद्धालुओं के शुरू हो गई।
शुक्रवार दोपहर अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 15 मिनट पर 6 माह ग्रीष्मकाल के लिए विधि-विधान के साथ खोल दिये गये। मां यमुना जी की डोली सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शनि महाराज की डोली के साथ यमुनोत्री धाम के लिए शीतकालीन प्रवास खरसाली से रवाना हुई । धाम के कपाट खोलने के साथ ही कोविड नियमों का अनुपालन किया गया।
शीतकालीन प्रवास मुखबा से वेद मंत्रोच्चारण के साथ गंगोत्री के लिए रवाना हुई। वहीं गंगा जी की डोली भैरो घाटी में रात्रि विश्राम किया।