ऋषिकेश ,तीर्थनगरी में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हो गई। उपचार के दौरान मौत होने के बाद मरीज के शव को ले जाने के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। हद उस समय हो गई जब ऑटो चालकों ने भी शव को ले जाने से मना कर दिया। मजबूर परिजन ठेली पर शव रख अपने घर ले गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुम्हार वाड़ा निवासी 50 वर्षीय प्रेमचंद को गुरुवार की सुबह परिजनों ने स्वास्थ्य खराब होने पर इलाज के लिए राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। दोपहर में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को शव घर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग की, मगर अस्पताल का कोई भी कर्मचारी एंबुलेंस की व्यवस्था कराने के लिए टस से मस नहीं हुआ। थक हारकर परिजन देहरादून रोड पर ऑटो बुक करने के लिए पहुंचे। यहां भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। ऑटो चालकों ने यह कहते हुए शव घर पहुंचाने से इंकार कर दिया कि ऑटो में सवारियां बैठती है यह शव वाहन नहीं है।
घंटो तक एंबुलेंस और ऑटो की व्यवस्था ना होने पर परिजन मजबूरी में शव को ठेली पर रखकर भरी धूप में घर ले गए। इस घटना के बाद से मानवीय संवेदनाएं तारतार होती दिखाई दी। सीएमएस डॉ. एनएस तोमर ने बताया मामला संज्ञान में नहीं आया है। अस्पताल में एंबुलेंस मरीजों के लिए है। शव को ले जाने का कोई नियम नहीं है। लिहाजा, एंबुलेंस नहीं दी जा सक