भ्रष्टाचार से लिपटा सिडकुल का सच

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प्रदेश में लगातार उजागर होते करोडों के घोटालों से देव भूमि शर्मशार हो रही है, एक बार फिर उघोगो को विकसित करने के नाम पर लगभग हजार करोड का घोटाला उजागर हुा है, जिसने पूर्ववर्ती सरकार के साथ ही ब्यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर फिर से सवालिया निशान लगा दिये हैं, कागजों हजार करोड से अधिक खर्च लेकिन जमीनी हकीकत देख कर चौंक जांयेगे आप, देकिये काशीपुर से योगेश शैली की एक रिपोर्ट।

सिडकुल द्वारा औघोगिक क्षेत्रों को विकसित करने और नये और बडे उघोगों को प्रदेश में स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा सितरगंज और काशीपुर के एस्कोर्ट फार्म को चयनीत किया गया, जहां सितारगंज फेस टू की स्थापना की गयी तो एस्कोर्ट फार्म में 303 एकड भूमि अधिगृहित की गयी, जिसमें उघोगों को विकसित करने के लिए मुलभूत सुविधाओं का ढांचा खडा किया जाना था, सडक, बिजली, पानी, वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट, सीवरेज आदि सुविधाओं से लैस कर इन क्षेत्रों में उघोगों के लिए तैयार किया जाना था, जिससे उघोग लगाये जा सकें और उघोगों को प्रोत्साहन दिया जाना था, मगर हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत निकली और हजारों करोड रुपये कागजों में खर्च कर दिये गये, जब्की जमीनी हकीकत ये है कि यहां महज एक गेट, चन्द सडकें और बाउन्डरी वाल बना दी गयी है, बाकी खेत बंजर पडे हैं, क्षेत्रीय लोगों को उम्मीद थी की सिडकुल की फैक्ट्रीया लगने से रोजगार की सम्भावनाएं बनेंगी और क्षेत्र का विकास होगा, लेकिन उनको भी निराशा ही मिली।

वहीं हजारों करोड का खर्च दिखाये जाने और जमीनी हकीकत में बंजर खेतों को तांकते स्थानीय लोगों में भी नाराजगी बनी है, लोगों का कहना है कि उनकी खेती कि भूमि ले ली गयी और बदले में रोजगार की उम्मीद थी वो भी टूट गयी है, अधिकारियों ने बिना निरीक्षण के ही करोडों रुपये स्वीकृत कर दिये जबकि सुविधाओं के नाम पर खानापूर्ति की गयी है।