रुद्रपुर, शौचालय व मनरेगा कार्य में ग्राम प्रधान को दोषी पाया गया है। इस संबंध में तीन सदस्यीय टीम ने जांच रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें डीएम मामले में कार्रवाई करेंगे। इसमें विभिन्न कार्यों में 10 लाख से ज्यादा की हेराफेरी का मामला सामने आया है।
किच्छा के गांव नजीमाबाद प्रधान सुजीत सिंह ने करीब 60 शौचालयों को बनवाने का दावा किया और इसका भुगतान 12 हजार प्रति शौचालय के अनुसार प्राप्त कर लिया। बाद में लोगों ने शौचालय नहीं होने की शिकायत की। इसी तरह मनरेगा के तहत सड़क के घटिया निर्माण और नाली आदि में भी अनियमितता पाई गई। इ
सके आधार पर जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी। जिला पंचायती राज अधिकारी विद्या सिंह सोमनाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के बाद ग्राम प्रधान ने पैसे वापस कर दिए हैं। अब इस संबंध में जिलाधिकारी को फैंसला लेना है। जबकि डीएम डॉ. नीरज खैरवाल ने कहा कि सरकारी धन का दुरुपयोग गंभीर मामला है। इसके लिए जांच रिपोर्ट दी गई है, जिसके आधार पर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।