उत्तराखंड हाी कोर्ट ने सोमवार को सरकारी बंगलों पर कब्ज़ा करे पूर्व नुख्यमंत्रियों को झटका दिया। कोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने के निर्देश दिये। बंगले खाली करने के लिये कोर्ट ने सभी को 15 फरवरी २०१७ तक का समय दिया है।
घौरतलब है कि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी बंगलों के इस्तेमाल कर रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराया जमा कराने के लिये किराये की रकम का ऐलान भी किया है। लिविंग एरिया पर फ्लैट रेंट के मुताबिक तय किए गए किराए में पूर्व मुख्यमंत्रियों पर रियायत बरतते हुए बाजार भाव को तरजीह नहीं दी गई।
इस फैसले के चलते
- भगत सिंह कोश्यारी को 14 वर्ष आठ माह चार दिन के लिए 1,76,132 रुपये अदा करना होगा।
- नारायणदत्त तिवारी को नौ वर्ष आठ माह एक दिन के लिए 1,39,240 रुपये
- भुवनचंद्र खंडूड़ी को 1200 रुपये प्रतिमाह की दर से 1,52,880 रुपये
- डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को पांच वर्ष एक माह 18 दिन की अवधि के लिए 67,443 रुपये
- विजय बहुगुणा को 39,440 रुपये सरकारी कोष में जमा कराने होंगे।
सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास का किराया बाजार भाव पर तय नहीं किया है। बाजार भाव पर किराया लिया जाता तो किराया राशि कई गुना ज्यादा हो सकती थी। हांलाकि जिन सरकारी बंगलों में ये राजनेता रह रहे हैं उनका किराया इस किरायों की दरों से काफी ज्यादा है लेकिन फिर भी अदालत की सख्ती के चलते सरकारी संपत्ति का दुर्उपयोग पर रोक लगेगी। अब देखना ये होगा कि सरकार कितनी सख्ती और जल्दी किराये वसूलने के काम को अंजाम देती है।