नैनीताल हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राज्य सरकार को पुलिसकर्मियों को नियमित तौर पर 8 घंटे से अधिक ड्यूटी ना लेने के आदेश पारित किया है। साथ ही साल में 45 दिन की अतिरिक्त सैलरी देने को कहा है।
हरिद्वार निवासी अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य में पुलिसकर्मी रोज 10 से 15 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं, जिस कारण उनके समक्ष हालात कठिन होते जा रहे हैं। याचिका में सरकार को उचित दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को जनहित याचिका पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया। कोर्ट ने राज्य पुलिस सुधार आयोग की सिफारिश पर पुलिस कल्याण के लिए तीन माह में कारपस फंड बनाने, आवासीय स्थिति में सुधार के लिए हाउसिंग स्कीम बनाने, हर पुलिसकर्मी को सेवा काल में तीन पदोन्नति के लिए पुलिस नियमावली में जरूरी संशोधन करने, अवकाश मामलों में उदार रवैया अपनाने, रिक्तियों को भरने के लिए विशेष चयन आयोग का गठन करने, हर पुलिस स्टेशन व पुलिस की हाउसिंग कालोनी में जिम व स्विमिंग पूल बनाने आदि अहम दिशा निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं।
वहीं कोर्ट के आदेश पर विभाग भी संभलकर प्रतिक्रिया दे रहा है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि विभाग अभी कोर्ट के आदेश की स्टडी कर रहा है और इसके बाद ही अगले कदम के बारे में सोचा जायेगा। वहीं पुलिस व्यवस्था को करीब से जानने वाले लोग इस आदेश को अच्छा लेकिन अव्यहारिक बता रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पहले से ही राज्य में पुलिस विभाग में कर्मियों की कमी है। इसके चलते केवल आठ घंटे की ड्यूटी का समय फिक्स करना सरकार और पुलिस प्रशासन के लिये आसान नही हो सकेगा।