देश में कोरोनावायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रूड़की के पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ऐसा 60 छात्रों के कोरोना की चपेट में आने की वजह से किया गया है। इस बात की जानकारी आईआईटी के अधिकारियों ने दी।
60 में से 54 छात्रों में सोमवार को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वहीं छह मंगलवार शाम को पॉजिटिव मिले। इसके बाद संस्थान ने अपने छात्रों को अगले आदेश तक घर से नहीं लौटने के लिए कहा है। आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने कहा, ‘संस्थान में 60 छात्रों के पॉजिटिव होने के बाद हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग ने कोरल, कस्तूरबा, सरोजिनी, गोविंद भवन और विज्ञान कुंज नाम के पांच हॉस्टलों को सील करके इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। संस्थान में वर्तमान में लगभग 3000 छात्र हैं जिनमें से लगभग 1200 इन पांच हॉस्टलों में रहते हैं।’
उन्होंने कहा कि उपरोक्त हॉस्टलों के सभी छात्रों को अपने कमरे के अंदर रहने के लिए कहा गया है जहां उन्हें भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। श्रीवास्तव ने कहा, ‘संस्थान ने अपने गंगा भवन हॉस्टल को जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में कोविड देखभाल केंद्र के तौर पर बदल दिया है, जहां संक्रमित छात्रों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा, संक्रमित छात्रों के संपर्क में आने वालों के लिए एक गेस्ट हाउस और एक अन्य इनहाउस प्रतिष्ठान को क्वारंटाइन केंद्र में बदल दिया है।’
श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति को संभालने और प्रबंधित करने के लिए प्रबंधन ने एक समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा, ‘संक्रमण के बाद, प्रबंधन ने उन छात्रों को अगले आदेश तक अपने घरों से वापस आने से मना कर दिया है जो लौटने की योजना बना रहे थे। साथ ही, केवल ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।’ सील किए गए हॉस्टल के बाहर रहने वाले छात्रों को केवल दो घंटे के लिए परिसर से बाहर जाने की अनुमति है।
इससे पहले मंगलवार को उत्तराखंड में 791 नए मामले सामने आए थे जो एक दिन में रिपोर्ट किए गए मामलों की अबतक की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 1,03,602 पर पहुंच गई है। इसके अलावा राज्य में वायरस के कारण सात मौतें हुई हैं। अबतक कुल मृतकों की संख्या 1736 हो चुकी है। राज्य में मृत्यु दर 1.68 प्रतिशत है। वहीं रिकवरी रेट 93.29 प्रतिशत है।