नगर की मॉल रोड पर समय-समय पर दरारें उभरती रहती हैं। इधर पिछले कुछ दिनों से भी लोवर व अपर मॉल रोड पर दरारें उभरी हुई नजर आई हैं। लोनिवि इन दरारों को कोलतार से भरा जा रहा है। इन दरारों के जरिए नैनीताल को भी जोशीमठ में आई दरारों के साथ जोड़ा जा रहा है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बड़ा दावा किया है।
गुप्ता ने कहा कि मॉल रोड पर दरारें आने से पूरी तरह इंकार तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें क्षेत्रीय अभियंताओं ने बताया कि वहां सामान्य तौर पर नई दरारें नहीं आ रही हैं। बल्कि पूर्व में आई दरारों में डाला गया कोलतार कुछ समय के बाद निकल जाता है, जिससे यहां समय-समय पर दरारें उभरती नजर आती हैं।
हालांकि गुप्ता ने यह भी माना कि मॉल रोड बड़े भ्रंस पर स्थित है। पिछले वर्षों में हुई जांचों में यहां की मिट्टी में पानी की बहुत अधिक मात्रा पाई गई है। इससे ऊपर की ओर रहने वाली आबादी का और झील का पानी यहां मौजूद है। मॉल रोड पर वाहनों का दबाव भी अत्यधिक है। इस तरह यहां भूक्षरण व भूधंसाव के अनेक कारण मौजूद हैं लेकिन यहां आ रही दरारें उन्हीं पुरानी दरारों के स्थान पर आ रही हैं, जिन्हें समय-समय पर कोलतार से भरा जाता है।
मॉल रोड की दरारों पर दिखाती हैं शासन-प्रशासन की अगंभीरता
मॉल रोड नगर एवं नगर के पर्यटन का आधार है। लोवर मॉल रोड पर जिला पर्यटन कार्यालय के पास 18 अगस्त 2018 को बड़ा भूस्खलन हुआ था। तब एक तरह से कामचलाऊ तौर पर लोवर मॉल रोड को वाहनों के आवागमन को तैयार किया गया था। तब से साढ़े चार वर्ष गुजरने के बावजूद मॉल रोड को सुदृढ़ीकरण के स्थायी कार्यों के लिए शासन से धनराशि का इंतजार है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक गुप्ता ने बताया कि पूर्व में टीएचडीसी के किए गए सर्वेक्षण के आधार पर मॉल रोड के 40 मीटर क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण करने के लिए लोनिवि के प्रमुख अभियंता को 3.48 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर कुछ आपत्तियां लगी थीं। आपत्तियों का निस्तारण कर पुनः प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। साथ ही शीघ्र धनराशि अवमुक्त करने का अनुरोध भी किया गया है।