क्रोशिया ने इंग्लैंड को हरा फ़ाइनल में किया प्रवेश

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मास्को, सेंट्रल और पूर्वी यूरोप के एक छोटे से देश क्रोशिया की जूझारू टीम ने एक गोल से पिछड़ने के बाद बुधवार को यहां अतिरिक्त समय तक खिंचे दूसरे सेमी फ़ाइनल में इंग्लैंड को दो-एक गोल से हराकर पहली बार विश्व कप के फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया। इसके लिए पहले क्रोशिया के इवान पेरिसिक ने खेल के उत्तरार्ध के 68वें मिनट में विरसजको के लाब पर बाएं फ़ुट से एक लम्बा शाट लेकर गोल की बराबरी कर टीम में जान फूंक दी कि वे मैच जीत सकते हैं और फिर एक के बाद एक हमलों और बढ़िया क्षेत्र रक्षण के इंग्लैंड के हौसले पस्त कर दिए। फिर अतिरिक्त समय के शुरू में पेरिसक के हैडर और मारियो मेंडजकिक के बाएं पांव के शाट पर गोल से जीत सुनिश्चित कर दी। इंग्लैंड को 1966के बाद फ़ाइनल में पहुंचने और ख़िताब का मौक़ा मिला था, जिसे क्रोशिया ने चकनाचूर कर दिया। इस से पहले क्रोशिया एक बार 1998 में सेमी फ़ाइनल में पहुंची थी। इंग्लैंड को तीसरे स्थान के लिए अब बेल्जियम से भिड़ना होगा। फ़ाइनल में यहां क्रोशिया का मुक़ाबला फ़्रांस से रविवार (15 जुलाई) को होगा।

दिल्ली से भी छोटे और मात्र चालीस लाख की आबादी वाले क्रोशियाई टीम ने बुधवार को दूधिया रोशनी में पूर्वार्ध इंग्लैंड के किरेन ट्रीपर ने छटे मिनट में जब सीधे सपाट फ़्री किक से गोल किया था, तो दर्शक दीर्घा में बैठे करोशियाई फ़ुटबाल प्रेमियों ने क़रीब क़रीब होसला छोड़ दिया था। इस बीच दोनों टीमों की ओर से अच्छी हलचलें हुई, क्रोशिया ने इंग्लैंड की तुलना में ज़्यादा शाट भी लिए, लेकिन उसे बराबरी के गोल के लिए एक घंटे से अधिक की इंतज़ार करनी पड़ी। बराबरी के गोल के बाद क्रोशिया ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। इंग्लैंड के गोलकीपर पिकफ़ोर्ड ने बेशक अच्छे बचाव किए, जबकि इंग्लैंड के स्ट्राइकर ने निशाने ख़ूब चूके। हैरी केन, लिंगार्ड और एशले यंग ने बेशक़ीमती मौक़े गंवाए।

एक सौ बीस मिनट तक लंबे खेल में दोनों टीमों के थके मांदे खिलाड़ी निढाल हो चुके थे। इसके बावजूद क्रोशिया के जूझारू खिलाड़ियों की सराहना करनी होगी कि उन्होंने इस टूर्नामेंट में पहले डेनमार्क और फिर मेज़बान रूस को अतिरिक्त समय के बाद पेनल्टी शूट में हरा कर जिस तरह सेमी फ़ाइनल और अब फ़ाइनल में प्रवेश किया, वह उनके अदम्य साहस का द्योतक है।