हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर कांगड़ी में गंगा तट पर विशालकाय मगरमच्छ दिखने से जहां लोगों में दहशत है वहीं मगरमच्छ को देखने के लिए लोग उत्सुक हो रहे हैं।
हरिद्वार वन प्रभाग के जंगलों से सटे होने के कारण यहां गंगा में मगरमछ अक्सर दिखते हैं। मगर गांव के इतने करीब कभी नही आते। आज इसके गांव की सीमा पर दिखने से लोगों में खौफ पसर गया। कांगड़ी गांव के इस क्षेत्र में ग्रामीणों के खेत व आवासीय कालोनियां गंगा से सटी हुई है। साथ ही ग्रामीण पूजा पाठ व अन्य कार्यों से गंगा किनारे जाते रहते हैं। ऐसे में गांव के निकट मगरमच्छ के आने से इस क्षेत्र में कभी भी कोई घटना घट सकती है । ग्रामीणों की सूचना पर वन महकमे की श्यामपुर रेंज के वनकर्मियों ने मौके पर जा कर स्थिति को संभाला।
बीते कुछ वर्षों में हरिद्वार वन प्रभाग के इस क्षेत्र में मगरमच्छों की संख्या में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। चंडीघाट से लेकर चिड़ियापुर के तीस किमी गंगा तटीय क्षेत्र में पहले कम मगरमच्छ नजर आते थे। हरिद्वार वन प्रभाग के गंगा खादर क्षेत्र लक्सर के बाणगंगा नदी में ही इनकी मौजूदगी थी। मगर अब बेहतरीन संरक्षण व भोजन की प्रचुरता के चलते इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मगरमच्छों की बढ़ती संख्या को देख वन महकमे ने रसियाबड़ यूनिट में मगरमच्छ संरक्षण केंद्र भी स्थापित किया है। जल्द ही इसे और विस्तार दिए जाने की योजना भी प्रस्तावित है।
श्यामपुर रेंज के क्षेत्राधिकारी यशपाल राठौर का कहना है कि गंगा में मगरमच्छों की संख्या बढ़ना पर्यावरणीय दृष्टि से अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर भेजी गई है और सभी को अतिरिक्त सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए गए हैं ।