वर्ष 2013 से फरार शातिर इनामी अारोपी प्रदीप सकलानी को पुलिस महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज चौक से गिरफ्तार किया है जिसके खिलाफ देहरादून में बैंकों से धोखाधड़ी करने के 17 अभियोग अलग-अलग थानों में पंजीकृत थे। आरोपी के गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए एसएसपी देहरादून ने बताया कि, “थाना पटेलगनर में वांछित एवं इनामी अरोपी प्रदीप सकलानी के विरुद्ध देहरादून में बैंकों से धोखाधड़ी करने के 17 अभियोग जनपद के अलग-अलग थानों में पंजीकृत थे। अभियुक्त प्रदीप सकलानी एक शातिर किस्म का अपराधी था जो अपराध करने के बाद ही वर्ष 2013 से बादस्तुर फरार चल रहा था। वहीं सभी अभियोगों में शामिल प्रदीप के साथी अभियुक्त को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार किया था।”
समय-समय पर बदलता रहता था अपने ठिकाने
अभियुक्त की गिरफ्तारी के सम्बंध में एसओजी एवं थाना पुलिस द्वारा मैनुअल पुलिसिंग के माध्यम से इसके अस्थायी ठिकानों का पता लगाया गया। पता चला कि अभियुक्त प्रदीप सकलानी समय-समय पर अपने ठिकाने बदलता रहता है और वर्तमान समय में दिल्ली में मुनिरिका थाना बसन्त विहार क्षेत्र में रह रहा है। सर्विलांस के माध्यम से उसके मोबाइल नम्बरों का पता लगाकर उसकी लोकेशन ट्रेस की गयी तो पता चला कि वह वर्तमान में दिल्ली में (अधिकतर मुनिरिका में ही) रहता है। इसके लिए पुलिस अधीक्षक नगर एवं सपुअ ने एक टीम गठित कर तत्काल गिरफ्तारी के लिए दिल्ली रवाना की। लेकिन जब तक पुलिस टीम दिल्ली पहुंची तब तक अभियुक्त प्रदीप सकलानी दिल्ली से देहरादून के लिए प्रस्थान कर चुका था। एसओजी एवं थाना पटेलनगर पुलिस ने दिल्ली से लगातार अभियुक्त का पीछा करना शुरू किया तथा समय-समय पर उसकी लोकेशन ट्रैस की गयी। पुलिस टीम अभियुक्त को रविवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट कॉलेज चैक से गिरफ्तार कर लिया ।
वकील के साथ थी मीटिंग
वहीं, पूछताछ पर अभियुक्त ने बताया कि, “उसे पुलिस के आने का अंदेशा था इसलिए वह अपने घर पुजार गांव जा रहा था। क्योंकि सोमवार को उसकी अपने वकील से मीटिंग थी, उसके बाद उसे वकील से मिलने हाईकोर्ट जाना था।” अभियुक्त ने यह भी बताया कि वह पहले थाना डालनवाला से चोरी तथा वर्ष 2005 में थाना डालनवाला से चोरी/धोखाधड़ी के केस में जेल गया था। उसके बाद मैं वर्ष 2012 में देहरादून आया।
अभियुक्त ने बताया कि दीपनगर में कृपाल सिंह कोहली नाम का व्यक्ति मिला उसके साले के पास एक रियो प्रीमियम फियेट कम्पनी की कार थी। कृपाल ने मुझे बताया कि इस कम्पनी में अगर डीलरशिप लेने के इच्छुक हो तो बात करा दूंगा, उसके बाद कृपाल व मैने रियो प्रीमियम फियेट कार कम्पनी (चार पहिया) की डीलरशिप ली जिसका नाम शुभारंग डिवलेप प्रालि धर्मपुर देहरादून के नाम से पंजीकरण कराया गया जिसका डायरेक्टर कृपाल सिंह कोहली था।
फिर उसने कम्पनी से 10 गाड़ी मंगायी और ग्राहकों को बेच दी उसके बाद उसने अपने ही आदमी बैंक में भेजे और कार के लिए लोन लेने के लिए अपने कोटेशन दिये जिससे ड्राफ्ट सीधी डीलर के नाम आया जिसे उसने कैश कर आपस में बांट लिया और सब लोग गाड़ी की किश्ते अपने स्तर से देते रहेे।
अभियुक्त ने बताया कि जब वह गाड़ी की किस्त जमा नहीं कर पाया तो बैक ने उसकी शिकायत पुलिस थानों में करना शुरू कर दिया तब उसे शक हुआ कि उसके खिलाफ अब मुकदमें कायम होंगे और वह देहरादून से फरार हो गया। अपने सभी सम्बन्धियों से अपना नेटवर्क बन्द कर दिया ताकि पुलिस उस तक न पहुँच सके।
लखनऊ और दिल्ली में छुपकर रहता था
अभियुक्त ने बताया कि वर्ष 2015 तक वह लखनऊ में रहा और वर्ष 2016 में दिल्ली आ गया और मुनिरिका में किराये पर रह रहा था, क्योंकि मुनिरिका ऐस कस्बा है जहां अधिकतर लोग किराये पर रहते हैं तथा एक दूसरे से कोई मतलब नहीं रखते। पुलिस के मुताबिक अभियुक्त लगभग सभी अभियोगों में गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के लिए दस हजार रुपये का इनाम रखा गया था। अभियुक्त के विरूद्ध और भी अभियोग होने की सम्भावना है, अभियुक्त का आपराधिक इतिहास जनपद एवं गैर जनपदों से प्राप्त किया जा रहा है।