हर्षिल हरकीदून ट्रैक से हेलीकॉप्टर की मदद से एसडीआरएफ के जवानों ने पुणे, महाराष्ट्र के ट्रैकर का शव रेस्क्यू किया। इसके बाद शव को देहरादून स्थित सहस्त्रधारा हेेलीपैड पर ले जाकर उसके साथियों के सुपुर्द किया गया। ट्रैकर की हार्ट अटैक के कारण रास्ते में मौत हो गई थी।
चार सितंबर को पुणे के छह ट्रैकर का दल उत्तरकाशी पहुंचा था। यहां गंगोत्री धाम के दर्शन करने के बाद दल चार सितंबर शाम को हर्षिल में रुका था। पांच सितंबर को पुणे का ट्रैकर दल चार पोर्टर और एक गाइड को अपने साथ लेकर हर्षिल से दुमदार-काठी-क्यार कोटी ट्रैक पर हरकीदून के लिए निकला था। इस बीच पुणे के एक ट्रैकर सैमुवल क्लिफर्ड की दुमदार और काठी के पास हार्ट अटैक से 12 सितंबर की सुबह मौत हो गई। साथी की मृत्यु होने के बाद बाकी के सदस्यों को वापस हर्षिल आना पड़ा।
इनमें से कुछ लोग हर्षिल में तैनात सेना की कंपनी के पास पहुंचे और मदद मांगी। इसकी सूचना उत्तरकाशी जिला प्रशासन को भी दी गई। इसके बाद एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर विकास पुंडीर हर्षिल से 30 किमी दूर ट्रैकर के बेस कैंप रकिया के लिए निकल पड़े। रास्ते में उन्हें ट्रेकर दल मिला जिसके द्वारा बताया गया की ट्रेकर सेमुवल क्लिफर्ड का शव 14,800 ऊंचाई पर बेस केंप एवं दुमदार-कांठी के बीच में छोड़ा गया है। टीम ट्रेकरों के साथ वापस हर्षिल लौट आई व हेलीकॉप्टर से वहां जाने का प्रयास किया गया, लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर सका।
शुक्रवार को सुबह हेलीकाप्टर की मदद से एसडीआरएफ के चार जवान हर्षिल को रवाना हुए जहां से गाइड को साथ लेकर वे घटना स्थल पर पहुचें। जहां से वे शव को साथ लेकर हर्षिल आए और इसके बाद अन्य ट्रैकर के साथ उसे सहस्त्रधारा हेली पेड देहरादून पहुंचाया। जहां मृतक के शव को उसके बाकी के साथियों के हवाले कर दिया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि शव को एसडीआरएफ के जवानों ने हेलीकाप्टर के जरिये रेस्क्यू कर देहरादून सहस्त्रधारा हेलीपैड पर पहुंचाया है। जहां उसके साथ आये ट्रैकर साथियों के पास उसका शव सौंपा गया।