“पहाड़ के परिंदों ने लांघी है आसमान की दहलीजे”
अब अलग अलग लिबासों में हैं
सरकारी स्कूल की वो नीली कमीजें
नीली कमीज़े – नीली कमीज़े “
नीली कमीज का पहाड़ी रैप गीत जिसमे गीतकार /गायकार ने सरकारी स्कूल की नीली कमीज को अपना विषय चुना है आज लाच किया गया। इसमे मनोरंजन के साथ-साथ एक प्रेरणादायक सन्देश देने की कोशिश की गयी है । इस गीत को टिहरी गढ़वाल के सुनारगाँव के निवासी दीप नेगी जो वर्तमान में दुबई में कार्यरत हैं, ने लिखा और गाया है ।
दीप नेगी से पूछने पर उन्होंने बताया की, “इस गाने को लिखने के पीछे की वजह बड़ी ख़ास है । अक्सर देखते और सुनते थे कि पहाड़ में सरकारी स्कूल के बच्चों को एक अलग नजरिये से देखा जाता है| जंहा उन्हें शहरो में प्राइवेट अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो की तुलना में कम आँका जाता था और है ।”
दीप नेगी इस गाने के माध्यम से यह बताना चाहते हैं की सरकारी स्कूल में नीली कमीज और खाकी पेंट पहने ये बच्चे किसी से भी कम नहीं होते है । ये गीत दिखाता है कि कैसे पहाड़ के सरकारी स्कूल से पढ़े हुए वो बच्चे जिन्होंने छोटी सी उम्र से पढ़ाई के साथ – साथ घर की जिम्मेदारियों को भी निभाया, साथ-साथ समाज मे सामाजिक कार्यों में भी हिस्सेदार बने। आर्थिक स्थिति न होने के बावजूद भी वो जीवन में आगे बढे और सफल हुऐ । ऐसे बहुत से उदाहरण आपको अपने अलग-बगल ही मिल जायेंगे जो देश में-विदेशो में अपने पहाड़ का नाम रौशन कर रहे हैं ।ये गीत, “सरकारी स्कूल की उस नीली कमीज और नीली कमिज़ो के लिबासो को बदलने वाले उन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के सम्मान के लिए बनाया गया है जो की चुनौती दे रहा है उस सोच को जो सोचते हैं – सरकारी स्कूल की इस नीली कमीज में कोई दम नही “
नीली कमीज का गाना आज YouTube पर लाँच हुआ…
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