धूल फांकता रैनबसेरा

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ऊधमसिंहनगर, लाखो रुपये की लागत से तैयार किया गया रैन बसेरा जिला मुख्यालय रुद्रपुर के जिला अस्पताल में धूल फांक रहा है आलम ये है कि लोगो को अस्पतालों में आये तीमारदारों को कुर्शियों या अस्पताल की फर्स में रात बितानी पड़ रही है।

ऊधमसिंहनगर जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता के प्रयासों से जिले के जिला अस्पताल में निजी संस्थान द्वारा तीमारदारों को रुकने के लिए एक रैन बसेरे का निर्माण कराया था। 2016 में लगभग साढ़े चार लाख की लागत से इस रैन बसेरे का निर्माण किया गया था। उसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता की ह्रदयघात से मौत हो गई थी जिसके बाद रैन बसेरे का नाम अक्षत भवन रखा गया था और उनकी पत्नी तत्कानिल पीएसी 31वी की सेनानायक रिद्धिमा अग्रवाल ने इस रैनबसेरे का शुभारंभ किया था। लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते रेन बसेरा लोगो के लिए खोला ही नही गया, शुभारंभ के बाद कुछ लोगो द्वारा रैन बसेरे का इस्तेमाल तो किया गया, लेकिन तब से लेकर अब तक रैन बसेरे में ताला जडा हुआ है।

आलम ये है कि तिमारदार या तो मरीज के साथ सो रहे है या फिर ठंड में फर्स में सोने को मजबूर है रैन बसेरे बनाने के पीछे तत्कालीन डीएम अक्षत गुप्ता का मकसद उन गरीब लोगी को ठंड से बचने के लिए एक ऐसी छत जहा पर रुककर वो अपने मरीज की देखभाल कर सके। इसके लिए प्रत्येक तीमारदार से रैन बसेरे में रुकने का 25 रुपये का शुल्क भी रखा गया था। लेकिन रैन बसेरे के निर्माण के बाद विभाग द्वारा ताला लगा दिया गया।

2 सालो से बन्द पड़ा रैन बसेरा बदहाल स्थिति से गुजर रहा है लोगो के लिए लगाए गए बेड फटने लगे है। साथ ही भवन अपनी मजबूती भी खो रहा है। वही जब तिमारदारों से इस बाबत बात की तो उन्हें पता ही नही है कि इस तरह का कोई रैन बसेरा भी बना हुआ है।

वही जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि, “शुरू में रैन बसेरे को लोगो के लिए खोला गया था लेकिन लोगों का रुझान कम होने के चलते, उसे बन्द कर दिया था। एक बार फिर लोगों के लिए रुकने की व्यवस्था रैन बसेरे में की जाएगी।”