भूकंप के लिहाज से देहरादून संवेदनशील है इसके बावजूद यहां पर बड़ी संख्या में झर झर हालत यानी गिरासू भवन हैं जोकि बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।
नगर निगम कई बार गिरासू भवन के मकान स्वामीयों को मकान गिराने का नोटिस भेज चुका है लेकिन उनकी कार्रवाई नोटिस तक ही सीमित रह गई है। देहरादून शहर में गिरासू भवनों की संख्या 90 से अधिक है जिन में से दर्जनों गिरासू भवन केवल चकराता रोड पर हैं।एल.आइ. सी की आवासी बिल्डिंग भी जर्जर हालत में है और इसको बहुत समय पहले से ही गिरासू घोषित किया गया है । भूकंप के लिहाज़ से गिरासू भवन में रहना खतरे से खाली नहीं है।
खादरी मोहल्ला, खुर्बुरा मोहल्ला, चक्कूवाला,पलटन बाजार, राजा रोड, बैंड बाजार, पुरानी सब्जी मंडी चौक के पास,नहर वाली गली ,धमावाला के क्षेत्रों में ये मकान भरे पड़े हैं। गिरासू भवनो के मामले में देखा गया है कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच विवाद रहता है ।विवाद के कारण तमाम मामले कोर्ट में है इस कारण न तो मकान मालिक स्वयं गिरासू भवन गिरा पाता है और ना नगर निगम कार्रवाई कर पाती है।
पुरानी सब्जी मंडी चौक के पास बरसात में एक बड़ा गिरासू भवन ताश के पत्तों की तरह ढह गया था और तहसील चौक के पास एक और गिरासू भवन की छत ढह गई थी। एल आई सी की आवासी बिल्डिंग से तीन मंजिला भवन ढह गया और तहसील से धामावाला की तरफ जाते हुए भी एक भवन की छत नीचे गिर गई थी ।नायब तहसीलदार सी. एस .नौटियाल ने बताया कि गिरासू भवन को गिराने के लिए नगर निगम समय-समय पर नोटिस देता रहता है। मकान मालिक व किरायेदार के बीच विवाद के कारण मामले कोर्ट में है। जो मामले कोर्ट में नहीं है वह मकान मालिक खुद ही नाजुक हुए भवन तोड़ देता है।
कई बार सचिवालय में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये स्थिति से निपटने के लिए विभागों में जागरूकता अभियान चलाया गया है। साथ ही लोक निर्वाण विभाग सहित प्रमुख विभागो को सचेत रहने के लिए भी कहा गया है । वहीं घंटाघर स्थित दिग्विजय पिक्चर हॉल कि इमारत भी जर्जर हालत में है जिसका एक हिस्सा अतिक्रमण के समय पहले ही टूट चुका है ऐसे में इस इमारत की निचली मंजिल में कई दुकाने भी चल रही है जो खतरे से खाली नहीं है।
शहर के सबसे ऐतिहासिक तीर्थ स्थल माने जाने वाला दरबार साहिब की एक इमारत कुछ इस तरह तस्वीर में अपनी हालत बयां कर रही है। जब झंडे जी, यानी दरबार साहिब में हम ने पूछा कि एक ऐसी इमारत है जिसकी हालत झर झर है तो उन्होंने बताया कि यह विवादित भूमि है और वहां एक मंदिर भी है जहां पहले रामलीला भी कराई जाती थी आज उस जर्जर इमारत की मरम्मत वहां के महंत करवाते हैं लेकिन इन हालातों में भी एम डी डी ए व नगर निगम कोई कदम नहीं उठाती है मानो यह भी किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही हो।