देहरादून। प्रदेश की राजधानी नशे की गिरफ्त में आ रही है। नशे के कारोबारियों ने भावी पीढ़ी का भविष्य चैपट करना शुरू कर दिया है। अत्याधुनिक किस्म के नशे स्मैक, चरस, हेरोइन, कैप्सूल आदि ने युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। अधिकांश युवा पहले तो इस नशे के कारोबार करने वालों के सम्पर्क में आकर अपना छोटा,मोटा नशे का कारोबार शुरू करते हैं तथा कुछ ही दिन बाद इस चक्रव्यूह में फंसकर नशे को अपनाने लगते हैं। जबकि सरकारी मशीनरी मौन है। अब इस मामले में जन संघर्ष मोर्चा आगे आया है।
सोमवार को जन संघर्ष मोर्चा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों के आसपास वेफ इलावेफ इस नशे के कारोबार का मुख्य केंद्र बिन्दु है तथा इन इकाइयों से लगे इलाकों के आस पास के गाँव इस आग में झुलस चुके हैं। नशे के कारोबार ने प्रदेश में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है तथा बहुत बड़ी मात्रा में अन्य प्रदेशों से इसकी आपूर्ति हो रही है। इसके साथ,साथ दुकानों में भी नशे का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। नशे के दुष्परिणामों के चलते माता पिता अपने बच्चों को खो हैं तथा रही सही कसर नशे में बाईक चलाकर युवा अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं तथा राहगीरों की मौत का कारण भी बन रहे हैं। अधिकांश युवा पैसे के अभाव में चोरी चकारी व लूटपाट आदि भी करने लगे हैं।
मोर्चा ने आशंका जतायी कि अगर नशे के कारोबार पर पूर्ण अंवुफश नहीं लगाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब सेना पुलिस व अन्य सशक्त बलों के लिए युवा ढूंढे नहीं मिलेगें। कहा कि सरकार को नशे के खिलाफ पूर्ण रूप व सही ढंग से कार्यवाही करनी चाहिए। नहीं तो मोर्चा नशे के खिलाफ आंदोलन करने पर विवश होगा।