कौन करेगा हम करेंगे, ये कहना है स्वच्छ कॉलोनी अवार्ड जितने वाली सोसाइटी का

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देहरादून, जहाँ एक ओर हम लोग कचरे की समस्या के समाधान के लिए नगर निगम और सफाई कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हैं (आश्रित रहते है) का इंतज़ार करते है , वही हमारे ही शहर की तीन ऐसे सोसाइटी हैं जिन्होंने एक जुट होकर कचरे की समस्या का समाधान निकल लिया हैं।

देहरादून शहर में पहली बार स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कराये गए स्वच्छ कॉलोनी अवार्ड – 2019 में 30 सोसाइटी/ कॉलोनी/रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने आवेदन किया, जिसमे से तीन सोसाइटी – केवल विहार वेलफेयर सोसाइटी , इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम और सिद्धार्थ पैराडाइस वेलफेयर सोसाइटी ने ये अवार्ड जीतकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

आपको यह जानकार आश्रय होगा की इन सोसाइटी के जीतने के पीछे सिर्फ एक ही कारण है, और वो है ” यहाँ रहने वाले लोग कचरे को एक संसाधन के रूप में देखते है। जहाँ हम लोग अपने कचरे को बस एक पॉलिथीन या डस्टबिन में बांधकर कचरे की पेटी/ कूड़ेदान में डालकर भूल जाते है , वहीँ केवल विहार वेलफेयर सोसाइटी , इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम और सिद्धार्थ पैराडाइस वेलफेयर सोसाइटी में रहने वाला हर व्यक्ति अपने कचरे को अपनी जिम्मेदारी मानता है और इसे स्त्रोत पर ही जैविक, अजैविक और घरेलू परिसंकटमय में अलग करता है ,यह कहना ज्यादा उचित होगा कि सिर्फ अलग ही नहीं बल्कि जैविक कचरे से खाद भी बनाते है और अजैविक कचरे को नगर निगम एवं वेस्ट वारियर्स संस्था की मदद से रीसाइक्लिंग के लिए भी दे रही है।”

देहरादून मे खुला पहला स्वछता केंद्र इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है,जहा सभी जगह से एकत्रित किया गया सूखा रीसायकल कचरा जाता है और पुनः छटने के बाद आगे नया सामान बनने के लिए भेजा जाता है। नगर निगम द्वारा देहरादून निवासियों के लिए 2019 से एक अलग गाडी का भी प्रबन्ध किया गया है जो की नगर के हर जगह से केवल अलग किया गया सूखा कचरा एकत्रित करती है, सूखे कचरे के रूप मे इक्कठी की गयी पॉलिथीन को पब्लिक वर्क डेवलपमेंट विभाग के द्वारा सड़क बनाने के लिए उपयोग मे लाया जा रहा है। अगर हम सब यह प्रण ले की सभी मिल कर अपने पर्यावरण को बचाने मे अपना थोड़ा भी योगदान देंगे तो बहुत जल्दी अपना देहरादून स्वच्छ ,सूंदर और स्वछता मे पहले पड़ाव पर होगा।