नागरिक संशोधन बिल पर लेफ्ट समेत सभी विपक्षी दलों का प्रदर्शन

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देहरादून,  नागरिक संशोधन बिल पर मचे घमासान के बीच आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कांग्रेस समेत लेफ्ट और सभी विपक्षी दलों ने मिलकर सरकार के खिलाफ गांधी पार्क के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया। सैकड़ो की सँख्या में आये विपक्षी दलों में स्कूली छात्राओं समेत महिलाओं और काफी समय से भारत मे रहने वाले विदेशी महिलाओं ने सरकार के इस बिल का विरोध किया। और सभी लोगों से इस बिल का विरोध करने की अपील की, साथ ही सरकार के इस बिल को देश की एकता को खतरा बताया।

देश मे सीएबी का विरोध काफी हिंसात्मक हो चुका है। देश के कई राज्यो में हिंसा हो रही है, देश मे मचे इस भूचाल से उत्तराखंड भी अछूता नही है। इस बिल का जहां मुस्लिम समुदाय ने भारी विरोध राजधानी की सड़कों पर किया तो वही कांग्रेस भी सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना कर रही है और इस इस बिल को काला कानून बता रही है।

राजधानी देहरादून में आज सभी विपक्षी पार्टियों समेत लेफ्ट के लोगों ने सरकार के इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया तो वही विदेशी महिलाओ ने भी जो काफी समय से यहां रह रही है इसके खिलाफ सड़को पर उतरे और सरकार के इस कानून को कला कानून करार दिया।

प्रदर्शनकारियो का कहना है कि आज जहा उत्तराखंड का राज्य स्थापना दिवस मनाने का समय था वही आज हम सरकार के इस बिल पर आक्रोश दिवस के रूप में मना रहे हैं। सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल को लाकर जो सौहार्द हमारे देश मे था उसको बर्बाद करने का काम किया है,और उत्तराखंड की महिलाएं जो अपने घरेलू चीजों के लिए लड़ती है, आज उनको राष्ट्र के लिए लड़ना पड़ रहा है। जामिया में हुए छात्रों के लिए लड़ना पड़ रहा है, क्योंकि हम इस राष्ट्र को बंटना नही देखना चाहते इस लिए हम इस बिल का विरोध कर रहे हैं। जो बिल इस सरकार ने लाया है वो बिल देश की नागरिकता को धर्म के आधार पर खड़ा करता है तो ये देश की गंगा-जमुना तहजीब की परम्परा के खिलाफ है। वही सरकार एनआरसी लाने की तैयारी कर रही है, इससे हर आदमी को इस देश मे सिद्ध करना होगा कि वह इस देश का नागरिक हैं और जो बाहर से आएंगे उनको बिना किसी आधार पर सिर्फ धर्म के नाम पर नागरिकता दी जाएगी।

वही देश मे रहने वाले है व्यक्ति को अपनी नागरिकता सिद्ध करनी पड़ेगी तो इस सरकार की धार्मिक आधार पर विभाजन की जो कोशिश है ये प्रदर्शन उसके खिलाफ है। आज के समय मे देश मे बेरोजगारी अपने 45 साल के चरम पर है तो जीडीपी अपने रसातल पर है, इन पर फोकस करने के बजाय सरकार धार्मिक आधार पर देश को बांटने का काम कर रही है।

विश्वविद्यालयों पर हमले कर रही है उसके खिलाफ हमारा प्रदर्शन है।इस बिल को सरकार को तुरन्त वापस लेना चाहिए, ये बिल न केवल मुस्लिम विरोधी बल्कि दलित विरोधी भी है, ये बिल इस देश का विभाजन कर देगा।