तीर्थ नगरी में खाकी पर डेंगू कर सकता है “अटैक”

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खाकी पर तीर्थ नगरी में डेंगू कर सकता है एक बार फिर से वार। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में डेंगू का खतरा टला नही है लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग और निगम प्रशासन लापरवाह नजर आ रहा है।

एम्स हास्पिटल सहित शहर के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू की चपैट में आये सैकड़ों लोग प्लेटलेट्स में आई भारी गिरावट के चलते जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। विडंबना देखिए इसके बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था की और ध्यान नही दिया जा रहा। मलीन बस्तियों की बात तो छोड़िए जनाब यहां तो वी आई पी इलाके और कानून के रखवालों के घर भी सुरक्षित नही रहे हैं।लचर सफाई व्यवस्था और जल भराव के चलते इन क्षेत्रों में भी डेंगू ने खतरे की घंटी बजा दी है। इसकी तस्दीक तहसील स्थित पुलिस क्षेत्राधिकारी के कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर ही की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि हाल में हुए सर्वे में शहर में डेंगू के लार्वा मिले हैं।

स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के मुताबिक गलियों व घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। लार्वा का मिलना, साफ-सफाई को लेकर सवाल खड़ा करता है। डेंगू के लार्वा इतनी अधिक जगह पर मिलना चौकाने वाली बात है। इस जानकारी के बाद से अफसरों की नींद उड़ गई थी। लोगों से अपील की गई थी कि वह खुद भी सतर्क रहें और बीमारी से निपटने में सहयोग करें।तीर्थ नगरी में डेंगू के बड़ते प्रकोप के बाद निगम प्रशासन भी हरकत में आ गया था।चंद दिनों तक कीटनाशक दवाओं को लेकर अभियान भी चला मगर चंद दिनों में ही यह अभियान सिमट कर रह गया।जबकि डेंगू का खतरा अभी टला नही है।आपको बताते चले कि इस वर्ष डेंगू ने तीर्थ नगरी में विकराल रूप धारण कर रखा है।सैकड़ों लोग जहां इसकी चपैट में आये हैं वही अनेकों लोगों को इस घातक बीमारी का शिकार होकर अकाल मौत का ग्रास बनना पड़ा है।बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को भी डेंगू का शिकार होने पर अस्पताल का रास्ता नापना पड़ा था। बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार जिम्मेदार डेंगू के खतरे के बावजूद सुप्तावस्था में क्यूं हैं।वहीं इस सम्बंध मे एम्स के निदेशक डा. रविकांत का कहना था कि डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।