उपलब्धियों के साथ उत्तराखण्ड के सामने चुनौतियां आज भी: राज्यपाल 

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देहरादून, प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य स्थापना दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं लेकिन प्रदेश के सामने कई चुनौतियां भी उपस्थित हैं। आर्थिक विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का लाभ गरीबों, वंचितों तथा किसानों तक पहुंचाना हैै।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने नौ नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के पूर्व प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों, आंदोलनकारियों को श्रद्धाजंलि अर्पित की है। साथ ही देश की सुरक्षा में अपना जीवन बलिदान करने वाले वीर शहीदों को भी श्रद्धासुमन अर्पित किए।
राज्यपाल ने अपने जारी संदेश में कहा कि भौगोलिक दृष्टि से एक छोटा पर्वतीय राज्य होने पर भी उत्तराखण्ड न केवल देश के पर्यावरण बल्कि देश की अर्थ व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम हैं। कहा कि धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ राज्य में हर वर्ष डेस्टिनेशन आधारित पर्यटन और एडवेंचर टूरिज्म के लिए बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। होम स्टे योजना से जुड़कर राज्य के लोग अपनी आजीविका में वृद्धि कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से उत्तराखण्ड की संस्कृति, स्थापत्य और स्थानीय खाद्य पदार्थों को भी बढ़ावा देने का प्रयास होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को मौलिक शोध कार्यों व सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए अध्ययन एवं शोध को प्रोत्साहित करने को कहा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका वृद्धि के लिए जैविक कृषि, फलों एवं बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन एक प्रमुख माध्यम है। राज्य में बहुत से ऐसे युवा हैं जो अच्छी-अच्छी नौकरियाँ छोड़कर वापस अपने गांव आ रहे हैं और कृषि के माध्यम से अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यमों से कुटीर उद्योगों की स्थापना भी आवश्यक है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। 
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य के लिए सरकार प्रयासरत 
राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है और कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई आयुष्मान योजना को विस्तार देते हुए अटल आयुष्मान योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना का लाभ आम जन तक पहुॅचे इसके लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे है।
संस्थागत प्रसव 50 प्रतिशत से बढकर 71
उत्तराखण्ड में अति कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें विभिन्न समर्थ लोगों द्वारा गोद लेकर उनकी देखरेख करने का अभियान प्रारम्भ किया। राज्य में संस्थागत प्रसव 50 प्रतिशत से बढकर 71 प्रतिशत हो गया है लेकिन इसे और अधिक सुधारने की आवश्यकता है। हर गर्भवती महिला को प्रसव पूर्व एवं प्रसव उपरान्त सभी आवश्यक सुविधाएं तथा देख-रेख मिलनी चाहिये। राज्यपाल ने कहा है कि बालिकाओं को शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान कर ही हम सही मायनों में महिला सशक्तीकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। 
उत्तराखण्ड का वन क्षेत्र, जल संपदा राष्ट्र धरोहर है 
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्यावरण, वन क्षेत्र, नदी एवं जल संपदा राष्ट्र की धरोहर है। वृक्षारोपण और वर्षा जल संचय करना बहुत आवश्यक है। नदियों एवं जल स्रोतों की स्वच्छता के प्रति हमें अधिक संवेदनशीलता दर्शानी होगी। पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार करना होगा।
महाकुम्भ 2021 सफल आयोजन के लिए जनसहयोग जरुरी
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ का आयोजन किया जाना है। इतने बड़े आयोजन को सकुशल और सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जन सहयोग भी आवश्यक होगा। अगर हम सभी ईमानदारी से प्रयास करें तो अवश्य ही एक ऐसा उत्तराखण्ड बनाने में सफल होंगे जहां सभी क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, सभी को आगे बढ़ने के तमाम अवसर और साधन उपलब्ध होंगे।