उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चंपावत से ही उप चुनाव लड़ेंगे। शीर्ष नेतृत्व से मिली हरी झंडी के बाद अब चंपावत से भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने इस बात की पुष्टि करते हुए गुरुवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश सबसे पहले चंपावत से भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने की थी। उनका कहना है कि अगर सीएम के लिए सीट छोड़ने से उनकी चंपावत विधानसभा का विकास हो सकता है तो वह सहर्ष अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। हालांकि इसके बाद सीएम के लिए सीट छोड़ने वालों की लंबी लाइन लग गई थी, जिसमें कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व रुद्रपुर विधायक भरत चौधरी से लेकर कांग्रेस के धारचूला विधायक हरीश धामी तक के नाम शामिल थे। लेकिन भाजपा हाईकमान द्वारा चिंतन-मंथन के बाद धामी के लिए चंपावत सीट को ही सबसे सुरक्षित माना गया है।
मंगलवार को कैलाश गहतोड़ी देहरादून आए थे। उन्होंने सीएम धामी और संगठन मंत्री अजेय कुमार से भेंट की। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष भी 23 अप्रैल को दून आ रहे हैं। मार्च में मुख्यमंत्री का पदभार दोबारा संभालने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का 6 महीने के अंदर उप चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करने की एक संवैधानिक बाध्यता है। उन्हें सीएम बने दो महीने गुजर चुके हैं। अब उनके पास सिर्फ 4 माह का ही समय बचा है। चुनावी प्रक्रिया में भी महीने भर से अधिक का समय लग जाता है। ऐसी स्थिति में वह जल्द से जल्द चुनाव लड़ कर इस प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहते हैं।