निरंजनी और आनंद अखाड़े द्वारा कुम्भ समापन की घोषणा के बाद विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतो में विवाद पैदा हो गया है। तीनों बैरागी अखाड़ों तथा जूना अखाड़े के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी इस विवाद में कूद पड़े हैैं। उन्होंने निरंजनी और आनंद अखाड़े के प्रति नाराजगी जताई है।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चंडी टापू पर बने शंकराचार्य नगर शिविर में प्रेस वार्ता कर कहा कि किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के कहने से कुम्भ समापन नही होता है। ग्रह नक्षत्र के आधार पर कुम्भ मेले का आरम्भ और समापन होता है। इसलिए कुंभ पर्व निर्धारित तिथि तक चलेगा। उन्होंने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज कुम्भ मेले के समापन तक हरिद्वार में ही रहेंगे।
उन्होंने कहा कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए शंकराचार्य ने केवल अपने बड़े कार्यक्रम रद्द किये हैं। बाकी उनके यज्ञ अनुष्ठान शिविर में ही चलते रहेंगे। वहीं निरंजनी और आनंद अखाड़े पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश मे कोरोना है, यदि उनके साधु-संत हरिद्वार छोड़कर चले जायेंगे तो क्या वहां उन्हें कोरोना नही होगा। बेहतर है कि कोरोना से बचने के लिए एक जगह पड़े रहकर सरकार द्वारा गाइडलाइंस का पालन किया जाए।