स्वच्छ भारत मिशन के तहत घाट ब्लाक के रामणी गांव में जांच के दौरान भारी वित्तीय अनियमितता पाई गई है। जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने इस संबंध में तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज कुमार एवं तत्कालीन ग्राम प्रधान सुलोचना देवी के खिलाफ तीन दिन के भीतर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
ग्राम रामणी निवासी बलवंत सिंह ने इस संबंध में जिलाधिकारी चमोली से शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने एसडीएम को जांच कराने का जिम्मा सौंपा था। एसडीएम चमोली के माध्यम से नायब तहसीलदार घाट से जांच कराई गई। यह मामला वर्ष 2017 का है। परियोजना प्रबंधक स्वजल चमोली गोपेश्वर की ओर से ग्राम सभा रामणी के 138 लाभार्थियों को पहली और दूसरी किस्त के तहत चार हजार रुपये प्रति किस्त की दर से 11 लाख चार हजार रुपये दिए गए थे। तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी ने तीन लाख 12 हजार की धनराशि आहरित 40 लाभार्थियों को प्रथम किस्त के तौर पर चार हजार रुपये प्रति लाभार्थी और 33 लाभार्थियों को चार हजार रुपये की दर से दूसरी किस्त सहित कुल तीन लाख 12 हजार नकद वितरण किया जाना अंकित किया ।
जांच के दौरान कुछ लाभार्थियों ने प्रथम किस्त चार हजार के स्थान पर तीन हजार रुपये नकद दिए जाने तथा कतिपय लाभार्थियों ने कोई धनराशि न मिलने की बात कही। साथ दूसरी किस्त के रूप में जिन 38 लाभार्थियों को एक लाख 52 हजार का भुगतान दिखाया गया, उन्हें कोई भुगतान नही किया गया। पंजिका में इसकी प्राप्ति रसीद भी उपलब्ध नहीं है।