उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव पिछले दो वर्षों से एक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है। इस अस्पताल से नौगांव ब्लॉक की 126 ग्राम पंचायते जुड़ी हुई हैं, लेकिन अस्पताल की चिकित्साधिक्षक डॉ. निधि रावत और व्यवस्था पर तैनात एक सामान्य चिकित्साधिकारी ही लोगों को सेवाएं दे रहे हैं। लैब टेक्निशियन न होने से एक्सरे रूम बंद पड़ा है। जबकि लैब टेक्निशियन न होने से कई अन्य महत्वपूर्ण जांचे भी नहीं हो पा रही हैं। जिसकी वजह से मरीजों को हर छोटे बड़े इलाज के लिए करीब 150 किमी दूर देहरादून या विकासनगर की दौड़ लगानी पड़ रही है।
चार वर्ष पूर्व सरकार द्वारा सीएचसी को दिल्ली की एक प्राईवेट कंपनी को 2018 तक पीपीपी मोड़ में दिया गया था। इससे पूर्व ही यहां तैनात फिजिशीयन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला चिकित्सक, दंत रोग, लैब तथा एक्सरे टेक्निशियन, फार्मेसिस्ट आदि का स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन अनबन के चलते अस्पताल का संचालन कर रही कंपनी दो वर्ष बाद ही काम छोड़कर चली गई। कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के बीच का विवाद अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है। जिस वजह से अस्पताल पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया है। ऐसे में सरकार भी यहां पर स्थाई डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं कर पा रही है, जिसका नुकसान क्षेत्र की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम डोभाल ने कहा कि चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान हैं। शीघ्र ही समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। चिकित्साधिक्षक डॉ. निधि रावत का कहना है कि कंपनी और विभाग का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिस वजह से अभी पूरी तरह से अस्पताल विभाग को हैंड ओवर नहीं हो पाया है। विवाद निपटने के बाद ही स्थिति में सुधार आयेगा।