ढोल-दमाऊ पर नाचे साधु-संत, भव्यता से निकली निरंजनी अखाड़े की पेशवाई

0
482
पेशवाई
पेशवाई के दौरान पहली बार हरिद्वार में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की झलक ढोल-दमाऊ की झलक दिखी। ढोल-दमाऊ की थाप पर साधु-संत नाचे। कुंभ की पेशवाई के दौरान साधु-संतों का हर रंग-रूप दिखाई दिया। यह पहली बार हुआ कि  पेशवाई में उत्तराखंड के ढोल-दमाऊ के साथ-साथ छोलिया नृत्य हुआ। 40 से अधिक कलाकारों का यह समूह पेशवाई के शुरुआती चरण में आगे रहा।
छोलिया नृत्य के प्रमुख मोहन दा का कहना है कि पहली बार  उन्हें कुंभ में उत्तराखंड की लोक संस्कृति को पेशवाई में दिखाने का मौका मिला।  उत्तराखंड के कलाकारों ने पेशवाई को मनमोहक बनाया। मोहन दा का कहना है कि सिर्फ निरंजनी अखाड़े से ही नहीं  अन्य तमाम अखाड़ों से उन्हें इस बार बुलावा आया है। वह  तैयारी के साथ पूरे कुंभ के दौरान हरिद्वार में ही रहेंगे।
बुधवार को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई दिव्य व भव्य रूप में निकाली गयी। पेशवाई में बैंड बाजे के साथ नागा संन्यायी, साधु-संतों ने हाथी, घोड़ों पर सवार होकर नगर भ्रमण किया। अखाड़े की पेशवाई में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए।
पेशवाई प्रातः 11 बजे एसएमजेएन पीजी कालेज से आरम्भ हुई। पेशवाई के आरम्भ होने से पूर्व भात और दही को भोग दिया गया। इसके पश्चात देव पूजन के साथ पेशवाई निकली। सबसे आगे हाथी और धर्मध्वजा रहे। उसके पीछे नागा संन्यासी साथ देव डोली के साथ रहे। इसके बाद आचार्य मण्डलेश्वरों की पालकी रही। पेशवाई में देश के कई प्रांतों से आए सांस्कृति कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही 25 बैंड, घोड़े, हाथी पेशवाई की शोभा बने। पेशवाई में  संतों ने सनातन परम्परा को प्रस्तुत किया। इस दौरान  ज्वलंत मुद्दों, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, आत्महत्या अभिशाप आदि का भी संदेश दिया गया।
मेला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए किए। कुंभ 2021 की पहली पेशवाई देखने के लिये लोगों में खासा उत्साह रहा। पेशवाई के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर उमड़े। उन्होंने पेशवाई का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
इस मौके पर ड्रोन और हेलीकाप्टर से पेशवाई पर फूलों की वर्षा की गई। पेशवाई में पूरे शाही अंदाज में साधु संत अपने-अपने रथों पर बैठकर निकले। पेशवाई में बड़ी संख्या में हाथी, ऊंट और घोड़े चल रहे थे।  पेशवाई मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से करीब एक हजार पुलिस जवानों के साथ बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए। पेशवाई का सामाजिक संगठनों व अन्य संगठनों ने  स्वागत किया।
पेशवाई
पेशवाई में संतों के अतिरिक्त दशनाम गोस्वामी समाज व श्री गंगा सभा के पुराहित भी पहली बार शामिल हुए। पेशवाई ने एसएमजेएन पीजी कॉलेज ज्वालापुर से गोविंदपुरी, चंद्राचार्य चौक, शंकर आश्रम, सिंहद्वार, देश रक्षक चौक, झंडा चौक, पहाड़ी बाजार, शंकराचार्यचार्य चौक, तुलसी चौक, वाल्मीकि चौक से गुजरांवाला भवन, मोदी भवन होते हुए निरंजनी अखाड़ा छावनी में प्रवेश किया।
पेशवाई में शामिल होने छावनी पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में पहुंचकर साधु-संतों की परंपराओं को समझा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज ने मुख्यमंत्री को छावनी का भ्रमण करवाया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि पहली पेशवाई भव्य रूप में निकली। उन्होंने कहा कि साधु-संतों ने भारतीय संस्कृति के लिए हमेशा से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने लोगों से भी आह्वान किया कि वे कुंभ मेले के दौरान साधु-संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचें।