दीवालीखाल में आंदोलनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज , सीएम ने दिये जांच के आदेश

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विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को नंदप्रयाग-घाट को डेढ लाइन मोटर मार्ग बनाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव करने के लिए पहुंच गए। दीवलीखाल में इन लोगों को पुलिस की लाठियों और वाटर कैनन का सामना करना पड़ा। पुलिस ने आंदोलनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी। इस दौरान कई आंदोलनकारी चोटिल भी हो गये। पुलिस ने आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचीं वृद्ध महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घाट मामले को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। इस घटना को विपक्ष पूरी तरह सरकार पर हमलावर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद चमोली के गैरसैंण के समीप दीवालीखाल नामक स्थान पर घाट ब्लॉक के लोगों द्वारा सड़क चौड़ीकरण को लेकर प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना को गंभीरता से लिया गया है। घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने निर्देश दिए हैं।
-इधर बजट सत्र, उधर आंदोलनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, महिलाओं को भी नहीं बख्शा
दीवलीखाल से लेकर मालसी तक आंदोलनकारियों का पुलिस से टकराव हुआ। आंदोलन में घाट ब्लाक के ग्रामीणों के अलावा उक्रांद, कांग्रेस और वामपंथी संगठनों के प्रतिनिधि में शामिल रहे। पुलिस की लाठियों के जवाब में आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी की।
बताया गया है कि मालसी में पुलिस के साथ करीब 20 मिनट तक हुई नोक-झोंक के बाद आंदोलनकारियों ने बैरियर तोड़ दिया और  पैदल ही विधानसभा की ओर चल पड़े। सात किलोमीटर दूर दीवालीखाल में पहले से मुश्तैद पुलिस के साथ आंदोलनकारियों के बीच आधे घंटे तक धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के वाटर कैनन का प्रयोग किया। भीड़ के टस से मस न होने पर पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं।  इस दौरान उक्रांद कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया। इस मौके पर बच्चीराम उनियाल, विक्रम सिंह, दीपक फरस्वाण, महिपाल फरस्वाण, भगत सिंह कुंवर, उमेश खंडूरी, विनोद नेगी और अनिल नेगी आदि मौजूद रहे।