पुलिस मुख्यालय में कांवड़ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली पुलिस तथा अन्य एजेंसियों के आपसी समन्वय के लिए 13वीं अंतरराज्यीय व अंतर ईकाई समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने कहा कि बैठक का मकसद पारस्परिक सहयोग व समन्वय से शांति व कानून व्यवस्था बनाने का है।
कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस ने डीजे, हाकी-डंडे व छह इंच से लंबा त्रिशूल लेकर यात्रा करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया है। कांवड़ियों को कांवड़ क्षेत्र, यानी नीलकंठ ऋषिकेश से आगे कांवड़ियों की वेशभूषा में जाने पर रोक रहेगी। कांवड़ में इस वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना के मद्देनजर सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रखा जाएगा। कांवड़ व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए अंतरराज्यीय तालमेल पर भी विशेष फोकस रहेगा।
उन्होंने वर्तमान सुरक्षा वातावरण के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर यहां पर्याप्त प्रशिक्षित पुलिस बल की तैनाती पर जोर दिया। बैठक में बताया गया कि बीते दो दशकों में कांवडिय़ों की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पहले जहां यहां संख्या 20 लाख के आसपास थी वहीं 2016 में यह संख्या 3.24 करोड़ रही। इस वर्ष यह और बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रा व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाने, अंतरराज्यीय बैरियरों पर संयुक्त चेकिंग करने, यात्रा रूट पर लंगरों को निश्चित स्थान पर लगवाने, कांवड़ियों के शुरुआती स्थल पर ही डीजी व लाठी डंडों को प्रतिबंधित करने के साथ ही सोशल मीडिया में भेजे जाने वाले संदेशों पर भी निगरानी रखने की अपील की।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक राम सिंह मीणा, महानिरीक्षक दीपक सेठ व एपी अंशुमान के अलावा पुलिस महानिरीक्षक करनाल, हरियाणा सुभाष यादव, डीआइजी सहारनपुर के सुनील, एसीपी नार्थ ईस्ट दिल्ली संजय सिंह व डीएसपी पांवटा, हिमाचल प्रमोद चौहान आदि मौजूद थे।
अंतरराज्यीय अपराधों पर भी चर्चाः बैठक में उत्तराखंड के जघन्य अपराधों, अंतरराज्यीय अपराधी गैंग, ईनामी बदमाश व फरार अपराधियों के संबंध में अंतरराज्यीय समन्वय पर भी चर्चा हुई। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए सूचनाओं के आदान प्रदान करने व समय-समय पर सीमावर्ती जनपदों के थाना प्रभारियों की बैठक कराने पर जोर दिया गया।