देहरादून। प्रदेश सरकार के राजकीय शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन का विरोध कर रहे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से प्रदेशभर के डीएलएड प्रशिक्षुओं ने तीसरे दिन भी धरना जारी रखा। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा सचिव से सकारात्मक वार्ता नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
शुक्रवार को विभिन्न जिलों से डायट प्रशिक्षुओं ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना दिया। इसके बाद उन्होंने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से वार्ता की, लेकिन वह संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से उनके यमुना कालोनी स्थित आवास पर मिला। जिसमें मंत्री ने उनकी बात सीएम तक पहुंचने का आश्वासन दिया। प्रशिक्षुओं ने कहा वह प्रतिवर्ष 35 हजार रुपये शुल्क पर द्विवार्षिक डीएलएड प्रशिक्षण ले रहे हैं। करीब सत्तर हजार छात्रों में 650 ने प्रतियोगी परीक्षा पास कर उक्त कोर्स में दाखिला लिया है। पर हाल में राज्य कैबिनेट ने राजकीय शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन का निर्णय लिया है। जिसके तहत बाहरी राज्यों से डीएलएड डिप्लोमाधारियों को भी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं के समकक्ष रखा जा रहा है। यह राज्य के युवाओं के साथ अन्याय है। प्रवेश परीक्षा में शैक्षिक अर्हता के अंतर्गत विज्ञापन में कला एवं विज्ञान वर्ग को आधार लिया गया था। पर पंचम संशोधन में नियुक्ति का आधार स्नातक स्तर पर कला एवं विज्ञान वर्ग के अनुसार न रखकर विषयवार विभाजन को रखा गया है। यह राजकीय शिक्षा नियमावली 2012 में वर्णित प्रावधानों के विपरीत है। प्रशिक्षुओं ने कहा कि समस्या का समाधान करने के बजाए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। डीएलएड तीसरे सेमेस्टर का प्रशिक्षण 16 जनवरी से प्रस्तावित था, पर उनके आंदोलन को खत्म करने के लिए विभाग ने अब सात जनवरी से प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दिए हैं। पर जब तक कोई समाधान नहीं निकलता वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।