पथरी थाना क्षेत्र में कई गांवों में कच्ची शराब पीने से हुई मौतों के मामले में जिलाधिकारी ने अपने बयान पर सफाई दी है। जहरीली शराब कांड के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए हरिद्वार के जिलाधिकारी ने कहा कि अपने पहले के बयान में उन्होंने साफतौर पर प्रथम दृष्टया शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसका मतलब होता है पहली नजर में ऐसा नहीं लग रहा था कि मौत शराब का सेवन करने से हुई हैं। उन्होंने कहा 4 दिनों में मौत के आंकड़े बढ़ने के बाद स्थिति बदली है। अभी भी मामले की जांच की जा रही है।
बीती 10 सितंबर को फूलगढ़ गांव में शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गई थीं। इसके बाद डीएम ने बयान जारी कर शराब पीने के कारण मौत ना होने की बात कही थी। जिलाधिकारी के इस बयान असमंजस की स्थिति बन गई थी, क्योंकि इस मामले में हरिद्वार एसएसपी का बयान अलग था। जबकि जिलाधिकारी कुछ और ही बात कह रहे थे।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने अपने बयान में कहा था कि पथरी क्षेत्र के ग्राम शिवगढ़ और फूलगढ़ में जिन लोगों की मौत हुई है, प्रथम दृष्टया प्रकरण जहरीली शराब सेवन का प्रतीत नहीं होता है। ग्राम पंचायत शिवनगर के मजरा शिवगढ़, फूलगढ़, दुर्गागढ़ एवं गोविंदगढ़ में किसी अन्य व्यक्ति के बीमार होने संबंधित कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है।
उन्होंने बताया था कि ग्राम शिवगढ़ में एक और ग्राम फूलगढ़ में 3 व्यक्तियों की मौत हुई है। पूछताछ में पता चला है कि बिरमपाल निवासी ग्राम शिवगढ़ (70 वर्ष) की मौत बीमारी के कारण हुआ है। यह मामला शराब पीने से जुड़ा नहीं है। जबकि, अमरपाल (30 वर्ष) निवासी ग्राम फूलगढ़ की मौत बीते दिन (9 सितंबर) को हुई। जिसका कारण आपसी मारपीट है, इसके संबंध में थाना पथरी में भी मुकदमा दर्ज है। वहीं, ग्राम फूलगढ़ में मनोज (40 वर्ष) और अरुण (38 वर्ष) की मौत अत्यधिक शराब पीने के कारण हुई है।
जिलाधिकारी ने कहा फिर भी एहतियात के तौर पर सभी शवों का पोस्टमार्टम करने एवं प्रकरण की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार अग्रिम आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जबकि मामले में हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत जिलाधिकारी के उस बयान को लगातार खारिज कर रहे थे और इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि यह तमाम मौतें जहरीली शराब के कारण ही हुई हैं। एसएसपी मौके पर पहुंचकर ना केवल लोगों से बातचीत के आधार पर यह बात कह रहे थे बल्कि अपनी कार्रवाई को अंजाम देने के बाद उन्होंने यह बात कही थी। बयानों के विरोधाभास को देखते हुए आज जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने अपने बयान पर सफाई दी।