केदारनाथ में दुर्व्यवहार मामले में जिलाधिकारी को जांच के निर्देश

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देहरादून,  केदारनाथ धाम में गुरूवार को कथित रूप से एक परिवार के साथ पुलिसकर्मी द्वारा दुर्व्यवहार  करने के मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को घटना की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। केदारनाथ धाम में इस वर्ष अभी तक लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं। कभी भी इस तरह की शिकायत नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने जिलाधकारी रुद्रप्रयाग को घटना की सत्यता की निष्पक्ष रूप से जांच करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि, “संयुक्त मजिस्ट्रेट व सीओ केदारनाथ को संयुक्त रूप से जांच दे दी गई है। जिनके द्वारा सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से एवं अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच की जाएगी। स्थानीय पुलिस द्वारा दी गई प्रारम्भिक रिपोर्ट के अनुसार गुरूवार को केदारनाथ यात्रा पर आए एक व्यक्ति ने वीडियो संदेश के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है कि, वह और उसका परिवार जो कि केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आया था। उनके साथ वहां पर नियुक्त पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट व अभद्रता की गई है। इस वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि पार्श्व में कुछ लोगों के द्वारा (अपने निजी स्वार्थ के दृष्टिगत) भी उसे उत्प्रेरित किया जा रहा है।”
जिलाधिकारी ने कहा कि, “वर्तमान समय में केदारनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दिन -प्रतिदिन काफी वृद्धि हो रही है व यात्रियों की लंबी लाइन लग रही है। कुछ दिनों पूर्व यह व्यवस्था की गई है कि मंदिर के गर्भ-गृह में बिना चक्कर लगाए ही श्रद्धालु बाहर आएंगे और अत्यधिक समयावधि तक मंदिर के अंदर खड़े नहीं रहेंगे। इस के लिए मंदिर गर्भ गृह के अंदर महिला उपनिरीक्षक व महिला पुलिस कार्मिकों की तैनाती भी की गई है। कुछ लोगों को यह व्यवस्था उनके निजी स्वार्थ पूरे न होने के कारण सही नहीं लग रही है।”
घटनाक्रम के बारे में बताया कि एक परिवार जिसके द्वारा अपने को मध्य प्रदेश के किसी वीआईपी का हवाला देते हुए मंदिर के अंदर जाने की जिद की गई तथा पूजा में अत्याधिक समय लिया गया। साथ ही उसके द्वारा झूठ बोला गया कि साथ में अन्य बुजुर्ग लोग भी हैं। महिला द्वारा बताया गया कि उनकी बालिका जो कि 14 साल की है को उठा कर फेंका गया। इस मामले पर डीएम ने कहा कि बालिका का पैर किसी अन्य श्रद्धालु की वजह से दब गया था। इस परिवार द्वारा वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए अंदर जाने पर ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक द्वारा उन्हें बाहर लाया गया और समझाया गया कि बनाए गए नियमों के हिसाब से ही यहां पर बाबा केदार के दर्शन हो रहे हैं।
परिवार के सदस्यों द्वारा मन्दिर दर्शन के अनुरोध पर परिवार के दर्शन कराए जाने के लिए पुलिस द्वारा मदद की गई। लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। जिसमें सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से एवं अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच की जाएगी। अब तक करीबन साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ के दर्शन कर लिए गए हैं। किसी के द्वारा भी इस तरह की शिकायत नहीं की गई है।