अस्पताल में चिकित्सकों के मोबाइल उपयोग पर लगाई रोक

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पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय संयुक्त चिकित्सालय कोरोनेशन देहरादून और गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केंद्र के कर्मचारी या चिकित्सक अब कार्य के समय मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेंगे। यदि कोई कर्मचारी या चिकित्साधिकारी ऐसा करता पाया गया तो संबंधित चिकित्सक या कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में इसका उल्लेख करते हुए उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी जाएगी। इसे लेकर बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

कुछ वक्त से चिकित्सक और अस्पताल से जुड़े कर्मचारी अपने कार्य के समय पर मरीजों पर ध्यान देने के स्थान पर मोबाइल पर सोशल मीडिया में ज्यादा तल्लीन नजर आते थे। इससे मरीजों को भी खासी परेशानी होती थी। इसी को देखते हुए बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने अस्पताल में कर्मचारियों पर चिकित्सकों के मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए।

उन्होंने बताया कि ड्यूटी के समय मोबाइल का उपयोग व्यक्तिगत रूप से करना किसी लिहाज से सही नहीं है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में भ्रमण के दौरान कई कर्मचारी मोबाइल पर सोशल मीडिया पर तल्लीन पाए गए। जिससे मरीजों को शिकायतें भी रहती है। साथ ही उनको परामर्श, परीक्षण व उपचार में भी दिक्कते आ रही थीं। ऐसा करने से ना सिर्फ चिकित्सालय बल्कि राज्य सरकार की छवि भी धूमिल होती है। इसके अलावा कर्मचारी व चिकित्सकों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कहा कि राज्य सरकार अधिकारियों या कर्मचारियों को उनके कार्य के लिए वेतन देती है ना कि सोशल मीडिया पर तल्लीन रहने के लिए।
उन्होंने बताया कि इसी मामले में पहले ही ज्यादातर कर्मचारियों व अधिकारियों को कार्यालय द्वारा मौखिक में लिखित चेतावनी दी जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी चिकित्सालय अधिकारी व कर्मचारियों पर इसका कोई प्रभाव सकारात्मक रूप से देखने को नहीं मिला। इसी को अब गंभीरता से लेते हुए कर्मचारियों व चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके बाद भी यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया का उपयोग करता पाया गया। तो, उनकी सेवा पुस्तिका में इस तथ्य का उल्लेख कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं उच्चाधिकारियों को भी इस मामले में अवगत कराते हुए संबंधित कर्मचारी की वेतन वृद्धि रोकने की संस्तुति भी की जाएगी।