राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर सरकारी पैसों से डॉक्टर बनने के बाद भी पहाड़ पर सेवाएं नहीं दे रहे डॉक्टरों की सूची निकाली गई है और कई डॉक्टरों को नोटिस भी जारी कर दिए गए है। डॉक्टरों द्वारा बांड की शर्तों का उल्लंघन करने पर राज्य के 150 से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन ने कुर्की के नोटिस जारी कर दिए हैं। इससे बांड वाले डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में बांड की व्यवस्था लागू की है। इसके एवज में डॉक्टरों को कुछ साल पहाड़ के अस्पतालों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके उलट सैकड़ों डॉक्टर सस्ती पढ़ाई का लाभ लेकर पहाड़ पर सेवाएं देने से मुकर गए। इन डॉक्टरों को अस्पतालों में तैनात करने के कई जतन किए गए पर सफलता नहीं मिली। अब इन डॉक्टरों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की ओर से ऐसे 30 डॉक्टरों की सूची संबंधित जिलों के डीएम को दी गई थी। इस पर जिलाधिकारियों की ओर से उक्त डॉक्टरों को कुर्की के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। ऐसे ही हल्द्वानी से मिली सूची के आधार पर भी कई जिलों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उत्तराखंड में डॉक्टरों के साथ समय-समय पर संशोधित नियमों के अनुसार बीस लाख से एक करोड़ रुपये तक के बांड साइन किए गए। एमबीबीएस डॉक्टर जहां 20 लाख से पचास लाख रुपये तक बांड के दायरे में हैं वहीं, पीजी वाले बांडधारी डॉक्टरों के साथ एक करोड़ रुपये तक के बांड साइन किए गए हैं। इन डॉक्टरों के गायब रहने से सरकार को नुकसान हो रहा है।