जहां चाह, वहां राह की मिसाल पेश कर रही है पहाड़ों की रानी मसूरी

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डब्ल्यूएचओ

(मसूरी) मसूरी के लोगों के लिये इन दिनों एक कास आवाज़ के साथ जागना आम बात हो गई है। शुरुआत में लोगों को यह आवाज़ किया ड्रोन या छोटे ग्लाइडर की लगी, लेकिन, यह आवाज एक जीप पर अलग तरह से लगाई गई फॉगिंग मशीन की थी। मसूरी नगर पालिका के पाँच कर्मचारी युद्ध स्तर पर लगातार काम कर रहे हैं और शहर के अलग अलग हिस्सों में फॉगिंग का काम कर रहे हैं। यह लोग बार्लोगंज से शुरू होकर, झड़ीपानी से होते हुए लैंडोर कैंट तक आते हैं। सुबह ग्याराह बजे से देर शाम तक यह लोग शहर के तमाम रिहायशी इलाक़ों में फॉगिंग का काम करते हैं।

सफ़ाई निरीक्षक, विरेंद्र सिंह बिष्टुपुर बताते हैं कि, “लॉकडाउन शुरू होने के बाद से हमने मसूरी शहर में अबतक क़रीब 540 लीटर सोडियम हाइपोग्लाइसिमिया क्लोराइड का छिड़काव शहर में किया है। इसके अलावा कूड़ेदानों, नालियों और सड़कों पर ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।साथ ही हमने देहरादून नगर निगम से 60 लीटर मैलाथियोन लेकर भी मसूरी में छिड़काव किया है।“

भट्टाचार्य गाँव से मकरेटी, बासाघाट से भिलाडू पंप हाुस तक, निगम की प्राथमिकता है कि शहर के हर कोने को सैनिटाइज किया जा सके। नगर पालिका और कैंट बोर्ड सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए, घरों से कूड़ा जमा कर रही है, बंद नालियों को खोलने का काम किया जा रहा है, और कूड़ेदानों को तेज़ी से ख़ाली करने का काम किया जा रहा है।

विरेंद्र आगे बताते हैं कि, “हम लोक स्वास्थ्य की तरफ़ काम करते हुए शहर में छिड़काव और अस्पतालों, कोर्ट, बाज़ार आदि स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर डाल रहे हैं। इससे हम यह सुनिशिचित करने की कोशिश कर रहे हैं कि शहर के सभी लोग सुरक्षित और स्वस्थ रहें।”

शहर में एक युवा चैयरमैन, सतर्क एसडीएम और कैंट के कार्यकुशल एक्ज़िक्यूटिव्स अधिकारी के होने से मदद मिलती है। इन लोगों ने साथ आकर शहर को कोरोना के हमले से बचाने का बीड़ा उठा रखा है। इस लड़ाई में आमतौर पर देखे जड़ने वाले कार्यक्षेत्र के विवादों को जगह नहीं मिली है। यह एक सुखद एहसास है कि मसूरी को इस वायरस से दूर रहने के लिये किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी गई है।