देहरादून नहीं महिलाओं के लिये सुरक्षित, “निर्भया” जैसा हादसा होते होते बचा

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(देहरादून) हाल ही में एनसीआरबी की रिपोर्ट में उत्तराखंड को देश के महफूज राज्यों की सूची में जगह मिली। लेकिन राजधानी देहरादून में एक ऐसा वाक्या हुा कि जिसने इस उपलब्धि पर सवालिया निशान लगा दिया है। 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंग रेप की याद दिलाता ये हादसा दून कि एक लड़की ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बयां किया।

दरअसल घटना 2 दिसंबर की है जिसके बारे में बताते हुए लड़की ने कहा कि – “हर रोज की तरह मैं अपने समय जो कि 7 बजे के आसपास हो रहा था मैं बल्लूपुर बस स्टाप पर अपनी बस का इंतजार कर रही थी,थोड़ी देर हो गई थी तो मैने एक ऑटो वाले को हाथ जब वह रुका तो माने अंदर झांक कर देखा ऑटो में पहले से 3 लड़के मौजूद थे तो मैने ऑटो को जाने का कहा।तब तक मेरी बस आ गई थी तो मैने अपनी बस ली और कंडक्टर को पैसे देकर अपना स्टॉप बता दिया।लेकिन मेरा स्टाप आने पर जब मैने बस कंडक्टर को बस रोकने को बोला तो ड्राइवर और कंडक्टर बिना जबाव दिए बस चलाते रहे।स्पीड डायल पर अपने पिता को फोन लगाने की धमकी देने पर भी बस कंडक्टर और ड्राइवर ने बस नहीं रोकी।फिर मैने पुलिस को फोन लगाया जो नंबर लगा नहीं,लेकिन उसके बाद मैंने कंडक्टर को डराने के लिए तेज आवाज में अपना पता बताना शुरु किया जिससे कंडक्टर को यकीन हो गया कि मैं पुलिस से बात रही तो उसने चिल्ला कर बस ड्राइवर को बस रोकने को कहा जिसपर ड्राइवर ने बस रोकी।बस से उतरने के बाद ने बस का नंबर नोट करने की कोशिश की लेकिन अंधेरा होने के कारण और बस ड्राइवर के स्पीड में होने के कारण वह कुछ नोट नहीं कर पाई।लड़की ने टिविट में यह भी लिखा है कि बस में उसके अलावा और भी लोग थे जिनमें से कोई भी लड़की की मदद के लिए आगे नहीं आया।”

लड़की ने जिस हिम्मत और सूझबूझ से इस दौरान काम लिया उससे एक बड़ा हादसा होते होते बच गया। आपकों बतादें कि इस घटना के बारे में लोगों को तब पता चला जब लड़की ने खुद ट्वीट कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को घटना की पूरी जानकारी दी।लड़की के ट्वीट पर सीएम ने उसे जवाब देते हुए पूरे मामले की जांच और उसके साहस की तारीफ की।रावत ने न केवल एक सीएम की तरह बल्कि दो लड़कियों के पिता होने के नाते लड़की को जवाब दिया और कहा कि उसे घबराने की जरुरत नहीं है वह इस मामले को दून एसएसपी निवेदिता कुकरेती को सौंप रहे हैं जिसपर फौरन एक्शन लिया जाएगा।

वहीं, एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने भी मुख्यमंत्री के ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए लड़की से फौरन संपर्क साधा। एसएसपी का कहना है कि लड़की की शिकायत पर आरोपी कंडक्टर और ड्राइवर की तलाश की जा रही है। ये भी देखा जा रहा है कि उस वक्त इस रूट पर कौन सी सिटी बस थी।

आमतौर पर कानून व्यवस्था के लिहाज़ से उत्तराखंड को शांत माना जाता रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय में जिस तरह से देश के अलग अलग कोने से लोगों ने यहां अपना बसेरा बसाया है उसको देखते हुये पुलिस प्रशासन को शांत प्रदेश की यह छवि बनाये रखने के लिये और कदम उठाने की ज़रूरत है।

(इस वाक्ये की शिकार लड़की का नाम औऱ पहचान गुप्त रखा गई है)