दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बंगलौर और लखनऊ की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी मेट्रो रेल चलाने की तैयारी है। इसका संभावनाएँ तलाशने के लिये मंगलवार को बीजापुर हाउस सभागार मे हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो रेल योजना की डी.पी.आर. तैयार करने के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गये। इस एम.ओ.यू. पर उत्तरखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) के मुख्य प्रशासक आर.मीनाक्षी सुन्दरम तथा दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन के निदेशक(मैनेजमेंट) सोमदत्त शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किये गये। डी.पी.आर. के लिये उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण द्वारा दिल्ली रेल मेट्रो काॅरपोरेशन (डी.एम.आर.सी.) को प्रारम्भिक तौर पर 2.10 करोड़ की फीस दी जायेगी। डी.एम.आर.सी. द्वारा एक माह में प्रारम्भिक रिपोर्ट (Inception Report) के बाद 5 माह में पूरी डी.पी.आर. उपलब्ध करायी जाए।
इस अवसर पर मौजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून के मध्य मेट्रो रेल परिचालन से शहरी आबादी को यातायात के सुलभ संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून में वर्ष भर पर्यटक आते रहते है। इस योजना से यहां आने वाले पर्यटकों व स्थानीय लागों को काफी फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से विकासनगर-कालसी तथा जसपुर-काशीपुर-रूद्रपुर-किच्छा-हल्द्वानी-काठगोदाम के मध्य भी मेट्रो रेल योजना के लिये कदम बढ़ाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि डी.एम.आर.सी. द्वारा डी.पी.आर. उपलब्ध कराने के बाद इसके लिये फण्ड जुटाने के लिए रास्ते निकाले जायेंगे।
इस अवसर पर सचिव डी.एस.गब्र्याल, उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य प्रशासक बंशीधर तिवारी, सचिव एम.डी.डी.ए. के निदेशक(वक्र्स) जितेन्द्र त्यागी, डीजीएम राजशेखर मौजूद थे।
ग़ौरतलब है कि मेट्रो रेल परियोजना काफ़ी महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिन शहरों में इसे लागू किया गया है वहीं इससे यातायात नियंत्रण में काफ़ी मदद मिली है। लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये है कि पहले से ही आर्थिक क़र्ज़ का बोझ ढो रहा राज्य ऐसी बड़ी परियोजना के लिये पैसों का इंतज़ाम कैसे करेगा। ऐसे में कहीं ये घोषणा और डीपीआर चुनावी मौसम का एक और पब्लिसिटी स्टंट न बनकर रह जाये।